गंगा का जन्म पौराणिक कथाओं में स्वर्ग लोक में हुआ माना जाता है। गंगा को हिमालय की पुत्री और राजा हिमवान की बेटी कहा गया है। उनकी माता का नाम मैनावती था। गंगा देवी के बारे में कहा जाता है कि वह दिव्य और पवित्र जलधारा के रूप में स्वर्ग में विराजमान थीं।
पौराणिक कथा के अनुसार, जब राजा सगर के 60,000 पुत्रों का वध कपिल मुनि के श्राप से हुआ था, तब उनके आत्मा की मुक्ति के लिए गंगा को धरती पर लाने की आवश्यकता पड़ी। इस कार्य को पूरा करने के लिए राजा सगर के वंशज राजा भगीरथ ने घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में स्थान दिया और फिर धीरे-धीरे उन्हें धरती पर प्रवाहित किया। इस प्रकार, गंगा धरती पर अवतरित हुईं और अपने पवित्र जल से राजा सगर के पुत्रों की आत्मा को मोक्ष प्रदान किया।
गंगा जी का पौराणिक महत्व उनके जन्मस्थान से ही नहीं, बल्कि उनकी पवित्रता और आत्मा को शुद्ध करने की शक्ति से भी है। उन्हें “भागीरथी” के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि राजा भगीरथ ने ही उन्हें धरती पर लाने का कार्य किया था। गंगा को विष्णु के चरणों से भी निकला माना जाता है, जिससे उनका महत्व और भी बढ़ जाता है।
Theconnect24 के व्हॉट्सएप चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
गंगा जी का जन्म स्वर्ग में हुआ था और वह हिमालय की पुत्री थीं। उनका अवतरण धरती पर मानवता की भलाई और मोक्ष प्रदान करने के लिए हुआ था, जो उन्हें हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण बनाता है।
डिस्कलेमर: धर्म संग्रह, ज्योतिष, स्वास्थ्य, योग, इतिहास, पुराण सहित अन्य विषयों पर Theconnect24.com में प्रकाशित व प्रसारित आलेख, वीडियो और समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए है, जो विभिन्न प्रकार के स्त्रोत से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि Theconnect24.com नहीं करता है। ज्योतिष और सेहत के संबंध में किसी भी प्रकार का प्रयोग करने से पहले अपने विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इस सामग्री को Viewers की दिलचस्पी को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है, जिसका कोई भी scientific evidence नहीं है।