Tuesday, April 15, 2025

चाय बैठकी: क्या आपका बच्चा भी भरपूर नींद नहीं ले रहा है, अपनाएं ये आसान टिप्स

सुबह-सुबह चाय की दुकान पर बातचीत के दौरान उठे इस टॉपिक पर जब बातीचीत का सिलसिला शुरू हुआ तो पता चला की लगभग सभी के घरों में बच्चों की यह समस्या बनी हुई है। लोगों ने बताया की समय पर बच्चा सोता ही नहीं है। पहले से अधिक चिड़चिड़ा हो गया है। कुछ बच्चे लगातार बीमार रह रहे हैं। देखा जाय तो यह समस्या बेहद गंभीर है। इससे बचने के लिए कुछ टिप्स दिये गये हैं, आप अपना सकते हैं।

सही समय पर बच्चों के नहीं सोने से उनकी सेहत पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। सबसे पहले, नींद की कमी बच्चों के शारीरिक विकास में बाधा उत्पन्न कर सकती है, क्योंकि ग्रोथ हॉर्मोन का स्राव रात के समय अधिक होता है। इसके अलावा, नींद की कमी से बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है, जिससे वे बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है, जैसे कि तनाव, चिंताएं, और मूड स्विंग्स।

सही समय पर बच्चों के नहीं सोने से स्वास्थ्य पर प्रभाव

  • नींद की कमी से शारीरिक विकास में बाधा
  • मानसिक तनाव और चिंताएं बढ़ना
  • प्रतिरोधक क्षमता में कमी
  • ध्यान औ एकाग्रता में कमी
  • मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन
  • स्कूल में प्रदर्शन की कमी
  • मोटापा और अन्य शारीरिक समस्याएं
  • हॉर्मोनल असंतुलन
  • स्मृति और सीखने की क्षमता पर असर
  • सामाजिक और भावनात्मक कौशल पर प्रभाव

बच्चों की ध्यान और एकाग्रता की क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो उनके स्कूल प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। नींद की कमी के कारण चिड़चिड़ापन और स्वभाव में बदलाव भी देखने को मिल सकता है। इसके अलावा, अनियमित नींद से मोटापा और अन्य शारीरिक समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है, क्योंकि नींद की कमी मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है। हॉर्मोनल असंतुलन भी एक आम समस्या है, जो बच्चों की संपूर्ण सेहत पर प्रभाव डाल सकता है।

बच्चों को सही समय पर सुलाने के लिए कुछ कारगर तरीके अपनाए जा सकते हैं। सबसे पहले, एक निश्चित सोने और उठने का समय निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। बच्चों के लिए रात की रूटीन बनाएं, जिसमें वे सोने से पहले किताबें पढ़ सकते हैं या हल्की-फुल्की बातें कर सकते हैं। सोने से पहले स्क्रीन टाइम को सीमित करना भी आवश्यक है, क्योंकि इससे नींद में बाधा आ सकती है।

कमरे का वातावरण शांति और अंधकारपूर्ण होना चाहिए, ताकि बच्चे को नींद में कोई परेशानी न हो। हल्का खाना खाने से भी नींद अच्छी आती है। दिन में शारीरिक गतिविधियां बढ़ाने से भी बच्चों को थकान होती है, जिससे वे जल्दी सो जाते हैं। अंत में, बच्चों को सकारात्मक नींद से जुड़ी आदतें सिखाना महत्वपूर्ण है, ताकि वे स्वस्थ नींद की दिनचर्या का पालन कर सकें।

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बच्चों को सही समय पर सुलाने के तरीके

  • रात की रूटीन सेट करें
  • सोने से पहले कहानी सुनाना
  • शांति और अंधकार का माहौल बनाएं
  • स्क्रीन टाइम को सीमित करें
  • सोने से पहले हल्का खाना दें
  • नियमित सोने और उठने का समय निर्धारित करें
  • आरामदायक बिस्तर और कमरे का तापमान सही रखें
  • दिन में शारीरिक गतिविधियां बढ़ाएं
  • ध्यान और रिलैक्सेशन तकनीकें अपनाएं

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Amit Mishra
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अमित मिश्रा को मीडिया के विभ‍िन्‍न संस्‍थानों में 15 वर्ष से ज्‍यादा का अनुभव है। इन्‍हें Digital के साथ-साथ Print Media का भी बेहतरीन अनुभव है। फोटो पत्रकारिता, डेस्‍क, रिपोर्ट‍िंंग के क्षेत्र में कई वर्षों तक अमित मिश्रा ने अपना योगदान दिया है। इन्‍हें तस्‍वीरें खींचना और उनपर लेख लिखना बेहद पसंद है। इसके अलावा इन्‍हें धर्म, फैशन, राजनीति सहित अन्‍य विषयों में रूच‍ि है। अब वह TheConnect24.com में बतौर डिज‍िटल कंटेंट प्रोड्यूसर कार्यरत हैं।
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