दशमुखी रूद्राक्ष पर यमदेव, भगवान विष्णु, महासेन, दस दिक्पाल और दशमहाविद्याओं का निवास होता है। इसके धारण करने से सभी प्रतिकूल ग्रह अनुकूल हो जाते हैं। दशमुखी रूद्राक्ष पर जितने देवी और देवियों का अधिवास है, इसके आधार पर दशमुखी रूद्राक्ष अपने प्रकार का सर्वाधिक सशक्त और अनूठा रूद्राक्ष है। इसके धारण करने सभी नवग्रह शांत और प्रसन्न होते हैं। यह महाशक्तिशाली रूद्राक्ष है।
दशमुखी रूद्राक्ष अपनी चमत्कारी शक्ति सामर्थ्य के कारण नवग्रह के नियंत्रण केन्द्र से भी ऊपर है। इसका प्रभाव ग्रहांतरों तक जाता है और ग्रहांतरों तक आता है। यह समस्त सुखों को देने वाला शक्तिशाली और परम चमत्कारी रूद्राक्ष है। मानवजाति के लिये भगवान शिव की एक अनुपम धरोहर है।
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