Saturday, April 19, 2025

देवशयनी एकादशी: राजा मांधाता की पौराणि‍क व्रत कथा

कथा का आरंभ

देवशयनी एकादशी: प्राचीन काल में त्रेतायुग में मांधाता नाम के एक धर्मात्मा और प्रतापी राजा राज्य करते थे। उनके राज्य में प्रजा सुखी और संतुष्ट थी। राजा मांधाता का राज्य पूरी तरह से धर्म और न्याय पर आधारित था। एक समय की बात है कि उनके राज्य में भीषण अकाल पड़ गया। कई वर्षों तक बारिश नहीं हुई और प्रजा अत्यंत कष्ट में आ गई। राजा मांधाता ने इस समस्या का समाधान खोजने के लिए ऋषियों और मुनियों का सहारा लिया।

महर्षि अंगिरा की सलाह

राजा मांधाता ने अपनी प्रजा की पीड़ा को देखकर महर्षि अंगिरा के आश्रम में जाकर उनसे उपाय पूछने का निर्णय लिया। महर्षि अंगिरा, जो अत्यंत ज्ञानी और धर्मात्मा थे, ने राजा की समस्या सुनने के बाद कहा, “हे राजन, यह अकाल तुम्हारे राज्य के पापों के कारण हुआ है। इसके समाधान के लिए तुम्हें देवशयनी एकादशी का व्रत करना होगा। इस व्रत से भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे और तुम्हारे राज्य में पुनः वर्षा होगी।”

व्रत का पालन

महर्षि अंगिरा की सलाह अनुसार, राजा मांधाता ने पूरे विधि-विधान के साथ देवशयनी एकादशी का व्रत रखा। उन्होंने भगवान विष्णु की आराधना की और पूरी श्रद्धा के साथ व्रत का पालन किया। व्रत के दिन राजा ने निर्जल व्रत रखा, भगवान विष्णु का ध्यान किया और रात्रि को जागरण कर संकीर्तन किया।

भगवान विष्णु का प्रसन्न होना

राजा मांधाता की श्रद्धा और भक्ति को देखकर भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न हुए। उन्होंने राजा को दर्शन दिए और वरदान माँगने को कहा। राजा ने भगवान विष्णु से अपने राज्य में वर्षा और प्रजा की सुख-शांति की प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने उनकी प्रार्थना को स्वीकार किया और उनके राज्य में तुरंत वर्षा होने लगी। प्रजा की सभी समस्याएँ समाप्त हो गईं और सभी ने राजा मांधाता की प्रशंसा की।

कथा का महत्व

देवशयनी एकादशी की यह कथा हमें यह सिखाती है कि भगवान विष्णु की भक्ति और व्रत से समस्त पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इस व्रत के पालन से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं। इस व्रत का महत्व असीम है और इसे श्रद्धा और भक्तिपूर्वक करना चाहिए।

कथा का अंत

इस प्रकार, देवशयनी एकादशी का व्रत रखने से राजा मांधाता के राज्य में सुख-शांति और समृद्धि का वास हुआ। यह कथा हमें यह संदेश देती है कि भगवान विष्णु की आराधना और व्रत से जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान संभव है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को अपार पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके जीवन में धर्म, भक्ति और शांति का संचार होता है।

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Amit Mishra
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अमित मिश्रा को मीडिया के विभ‍िन्‍न संस्‍थानों में 15 वर्ष से ज्‍यादा का अनुभव है। इन्‍हें Digital के साथ-साथ Print Media का भी बेहतरीन अनुभव है। फोटो पत्रकारिता, डेस्‍क, रिपोर्ट‍िंंग के क्षेत्र में कई वर्षों तक अमित मिश्रा ने अपना योगदान दिया है। इन्‍हें तस्‍वीरें खींचना और उनपर लेख लिखना बेहद पसंद है। इसके अलावा इन्‍हें धर्म, फैशन, राजनीति सहित अन्‍य विषयों में रूच‍ि है। अब वह TheConnect24.com में बतौर डिज‍िटल कंटेंट प्रोड्यूसर कार्यरत हैं।
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