Monday, May 20, 2024

धरती के मित्र: जानें वह मच्छर जिनके काटने से नहीं होती कोई हानि

मच्छर धरती पर बहुत ही पुराने समय से मौजूद हैं। इनकी वर्गीकरण में कई प्राचीन और सभ्यताओं में उल्लेख मिलता है। प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में भी मच्छरों का उल्लेख किया गया है।

वैदिक काल से लेकर पुराणों तक में भी मच्छरों का जिक्र मिलता है। वेदों में मच्छरों का उल्लेख रहा है और उन्हें जल-जीवियों का एक प्रकार माना गया है। पुराणों में भी मच्छरों का उल्लेख किया गया है, जैसे कि महाभारत में कई स्थानों पर मच्छरों का वर्णन मिलता है।

मच्छरों के संबंध में भारतीय ज्योतिष और अज्ञात विज्ञान भी अपने ग्रंथों में उल्लेख करते हैं। इसके अलावा, विभिन्न लोककथाओं और लोकगीतों में भी मच्छरों के बारे में कहानियाँ सुनाई जाती हैं।

इस प्रकार, मच्छरों का वर्तमान समय से बहुत पहले से ही धरती पर मौजूद होना सिद्ध होता है। ये जीव धरती के अत्यंत पुराने समय से ही अपने प्राकृतिक और सामाजिक पर्यावरण में बसे हुए हैं।

मच्छरों में कुछ प्रजातियाँ होती हैं जिनके काटने से कोई नुकसान नहीं होता है। ये प्रजातियाँ अक्सर लोगों के बसने वाले क्षेत्रों में पाई जाती हैं और उनके प्रजनन और परिपालन के साथ साथ जीवन का चक्र भी पूरा करती हैं।

  • खड़े वृक्षों में रहने वाले मच्छर (Tree-hole Mosquitoes): ये मच्छर खड़े पेड़ों की छिद्रों और झिल्लियों में पाए जाते हैं। इनका आहार अक्सर जल प्रणाली से जुड़े हुए किनारों पर होता है। ये मच्छर आमतौर पर मानवों को काटते हैं तो कोई नुकसान नहीं होता।
  • फूलों पर निवास करने वाले मच्छर (Flower Mosquitoes): ये मच्छर फूलों की पुष्पभरी महक से प्रेरित होते हैं। इनका प्रमुख आहर फूलों का रस होता है। इन मच्‍छरों के काटने से मानवों को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • पत्तियों में रहने वाले मच्छर (Leaf Mosquitoes): ये मच्छर पेड़ों के पत्तों के बीच बने छेदों और साइटों में रहते हैं। इनका प्रमुख आहार पत्तियों का रस होता है। इनके काटने से भी हमें कोई नुकसान नहीं होता है।
  • जल में रहने वाले मच्छर (Aquatic Mosquitoes): ये मच्छर जल जीवन के लिए विशेष रूप से अनुकूल होते हैं। इन्हें जल के ठंडे और साफ पानी में पाया जाता है, जैसे कि झीलों, तालाबों और नदियों में। इनके काटने से भी कोई नुकसान नहीं होता है।
  • प्राकृतिक जल जमाव (Natural Water Collections): ये मच्छर उन जल जमावों में पाए जाते हैं जो प्राकृतिक रूप से बने होते हैं, जैसे कि पेड़ों के छालों में जमा पानी, पत्तियों की गहराई में पानी और पत्तियों के जल संग्रहण विकास। इन मच्छरों के काटने से भी नुकसान नहीं होता।
  • सागरीय मच्छर (Oceanic Mosquitoes): ये मच्छर समुद्र में पाए जाते हैं और समुद्री जीवों के साथ ही रहते हैं। इनका आहार समुद्र के किनारों पर होता है। मानवों के लिए यह मच्छर किसी नुकसान का कारण नहीं बनते।
  • पर्यावरणीय मच्छर (Environmental Mosquitoes): ये मच्छर अपने पर्यावरण के अनुसार विभिन्न स्थानों पर पाए जाते हैं। इन्हें अक्सर जलवायु, जलाशय, और प्राकृतिक परिस्थितियों का ध्यान रखते हुए जीवित रहना पसंद होता है। इन मच्छरों के काटने का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

इन प्रजातियों के अलावा भी कई और मच्छर होते हैं जो मानवों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, लेकिन उनका आहार और जीवनशैली अलग-अलग हो सकती है। ये मच्छर पर्यावरण को संतुल‍ित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इनके काटने से नुकसान नहीं होता है।

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