नौमुखी रूद्राक्ष भैरव स्वरूप है। इसमें नौ शक्तियों का निवास है, इसके धारण करने से सभी नौ शक्तियां प्रसन्न होती हैं। इसके धारण करने से यमराज का भय नहीं रहता।
नौमुखी रूद्राक्ष का नियंत्रक और संचालक ग्रह केतु है, जो राहु की तरह ही छाया ग्रह है। जिस प्रकार राहु शनि के सदृश है, उसी प्रकार केतु मंगल ग्रह के सदृश है। मंगल की तरह केतु भी अपने सहचर्य और दृष्टि के प्रभाव में आने वाले पदार्थ को हानि पहुंचाता है।
केतु के कुपित होने पर फेफड़े का कष्ट, ज्वर, नेत्र, पीड़ा, उदर कष्ट, फोड़े-फुंसियां, शरीर में दर्द, दुर्घटना एवं अज्ञात कारणों से उत्पन्न रोग परेशान करते हैं। केतु को मोक्ष का कारक भी माना गया है।
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