प्री-मानसून उस अवधि को कहा जाता है जो मानसून के आगमन से पहले होती है। यह समय सामान्यतः गर्मी के अंत और बरसात के मौसम की शुरुआत के बीच का होता है। इस अवधि में विभिन्न मौसमीय घटनाएँ होती हैं जो मानसून के आने का संकेत देती हैं। भारत में, प्री-मानसून की अवधि मुख्यतः मार्च से मई के बीच होती है।
प्री-मानसून की विशेषताएं
- गर्मी की तीव्रता: इस समय में तापमान काफी बढ़ जाता है। दिन के समय अत्यधिक गर्मी होती है जो शाम होते-होते कम हो जाती है।
- धूल भरी आंधियां: गर्मी के कारण धूल भरी आंधियाँ चलती हैं, जो कि प्री-मानसून की एक प्रमुख पहचान है।
- वज्रपात और गरज: इस अवधि में अक्सर वज्रपात और गरज के साथ बारिश होती है। इसे स्थानीय भाषा में ‘काल बैसाखी’ भी कहते हैं।
- हवा की दिशा में परिवर्तन: प्री-मानसून के दौरान हवा की दिशा में परिवर्तन होता है। दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ चलने लगती हैं, जो कि मानसून की शुरुआत का संकेत है।
प्री-मानसून का महत्व
- कृषि के लिए महत्वपूर्ण: प्री-मानसून की बारिश कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। यह मिट्टी को नमी प्रदान करती है, जिससे किसान खेतों की तैयारी कर सकते हैं।
- पानी के स्रोतों की भरपाई: इस दौरान होने वाली बारिश जलाशयों, नदियों और तालाबों को भरने में मदद करती है, जिससे पानी की कमी को दूर किया जा सकता है।
- पर्यावरण की स्वच्छता: प्री-मानसून की बारिश धूल और प्रदूषण को साफ करने में मदद करती है, जिससे वातावरण स्वच्छ और ताजा हो जाता है।
प्री-मानसून के संकेत
- बादलों का जमाव: आसमान में घने बादल छा जाते हैं जो बारिश का संकेत देते हैं।
- हवा की दिशा: दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ चलने लगती हैं, जो मानसून के आने का संकेत हैं।
- आंधी-तूफान: गरज और चमक के साथ आंधी-तूफान की घटनाएँ बढ़ जाती हैं।
प्री-मानसून और जलवायु परिवर्तन
जलवायु परिवर्तन का प्री-मानसून पर भी प्रभाव देखा जा रहा है। तापमान में बढ़ोतरी और अनियमित बारिश की घटनाएँ इस बात का संकेत हैं कि जलवायु परिवर्तन ने मौसम के चक्र को प्रभावित किया है। इससे किसानों को खेती में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है और जल संसाधनों की उपलब्धता में भी कमी आ सकती है।
प्री-मानसून की तैयारियां
- कृषि की तैयारी: किसान अपने खेतों को तैयार करते हैं और बीजों की बुवाई के लिए नमी का ध्यान रखते हैं।
- जल संचयन: जलाशयों और तालाबों की सफाई कर उन्हें बारिश का पानी संग्रहित करने के लिए तैयार किया जाता है।
- स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां: बदलते मौसम के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं, इसलिए लोग अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं और आवश्यक दवाइयों का स्टॉक रखते हैं।
प्री-मानसून मौसम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो मानसून की शुरुआत का संकेत देता है। यह मौसम न केवल कृषि के लिए बल्कि जल संसाधनों और पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्री-मानसून की विशेषताओं और इसके प्रभावों को समझना हमारे लिए आवश्यक है ताकि हम बेहतर तरीके से इसकी तैयारियाँ कर सकें और इसका अधिकतम लाभ उठा सकें।
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