भारत की आजादी के बाद से अब तक देश ने कई प्रधानमंत्रियों का नेतृत्व देखा है। हर प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में देश की दिशा और दशा को प्रभावित किया है। यहाँ हम स्वतंत्रता के बाद से अब तक के प्रधानमंत्रियों की सूची और उनके कार्यकाल की जानकारी साझा कर रहे हैं।
भारत के प्रधानमंत्री और कार्यकाल
- जवाहरलाल नेहरू (15 अगस्त 1947 – 27 मई 1964): भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का कार्यकाल सबसे लंबा रहा। उन्होंने कुल 16 साल 286 दिनों तक इस पद पर सेवा दी। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक और सामाजिक सुधारों के साथ-साथ औद्योगिक विकास की नींव रखी।
- गुलजारीलाल नंदा (27 मई 1964 – 9 जून 1964 और 11 जनवरी 1966 – 24 जनवरी 1966): गुलजारीलाल नंदा दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे। उनका कुल कार्यकाल लगभग 26 दिन का रहा।
- लाल बहादुर शास्त्री (9 जून 1964 – 11 जनवरी 1966): लाल बहादुर शास्त्री का कार्यकाल 1 साल 216 दिन का रहा। उनके नेतृत्व में भारत ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में सफलता पाई और “जय जवान, जय किसान” का नारा दिया।
- इंदिरा गांधी (24 जनवरी 1966 – 24 मार्च 1977 और 14 जनवरी 1980 – 31 अक्टूबर 1984): इंदिरा गांधी दो बार प्रधानमंत्री रहीं, उनका कुल कार्यकाल 15 साल 350 दिन का रहा। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटीं, जैसे बांग्लादेश का निर्माण और आपातकाल का समय।
- मोरारजी देसाई (24 मार्च 1977 – 28 जुलाई 1979): मोरारजी देसाई का कार्यकाल 2 साल 126 दिन का रहा। वह गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे और जनता पार्टी के नेता थे।
- चौधरी चरण सिंह (28 जुलाई 1979 – 14 जनवरी 1980): चौधरी चरण सिंह का कार्यकाल 170 दिन का रहा। उनका समय राजनीतिक अस्थिरता का था और वे बिना संसद में बहुमत प्राप्त किए प्रधानमंत्री बने थे।
- राजीव गांधी (31 अक्टूबर 1984 – 2 दिसंबर 1989): राजीव गांधी का कार्यकाल 5 साल 32 दिन का रहा। वे देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने और उन्होंने कंप्यूटर और आईटी सेक्टर में क्रांति लाई।
- विश्वनाथ प्रताप सिंह (2 दिसंबर 1989 – 10 नवंबर 1990): वी.पी. सिंह का कार्यकाल 343 दिन का रहा। उन्होंने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू किया और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की।
- चन्द्रशेखर (10 नवंबर 1990 – 21 जून 1991): चन्द्रशेखर का कार्यकाल 223 दिन का रहा। उनके शासनकाल में आर्थिक संकट के समय में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
- पी.वी. नरसिम्हा राव (21 जून 1991 – 16 मई 1996): पी.वी. नरसिम्हा राव का कार्यकाल 4 साल 330 दिन का रहा। उनके कार्यकाल में भारत में आर्थिक उदारीकरण और सुधारों की शुरुआत हुई।
- अटल बिहारी वाजपेयी (16 मई 1996 – 1 जून 1996, 19 मार्च 1998 – 22 मई 2004): अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार प्रधानमंत्री रहे। उनका सबसे लंबा कार्यकाल 6 साल 64 दिन का रहा। उनके नेतृत्व में भारत ने पोखरण परमाणु परीक्षण किए और राजमार्ग विकास की योजना बनाई।
- एच.डी. देवेगौड़ा (1 जून 1996 – 21 अप्रैल 1997): एच.डी. देवेगौड़ा का कार्यकाल 324 दिन का रहा। वे जनता दल के नेता थे और गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया।
- इन्द्र कुमार गुजराल (21 अप्रैल 1997 – 19 मार्च 1998): आई.के. गुजराल का कार्यकाल 332 दिन का रहा। उनके शासनकाल में “गुजराल सिद्धांत” की शुरुआत हुई, जिसमें पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने पर जोर दिया गया।
- मनमोहन सिंह (22 मई 2004 – 26 मई 2014): मनमोहन सिंह का कार्यकाल 10 साल 4 दिन का रहा। उनके कार्यकाल में आर्थिक वृद्धि, सूचना प्रौद्योगिकी का विस्तार और कई सामाजिक योजनाओं का क्रियान्वयन हुआ।
- नरेंद्र मोदी (26 मई 2014 – वर्तमान): नरेंद्र मोदी मौजूदा समय में भारत के प्रधानमंत्री हैं। वे 2014 से इस पद पर हैं और उनका कार्यकाल अभी जारी है। उनके शासनकाल में कई महत्वपूर्ण योजनाएँ शुरू की गईं, जैसे “मेक इन इंडिया”, “स्वच्छ भारत अभियान” और “डिजिटल इंडिया”।
भारत की आजादी के बाद से अब तक देश ने 15 प्रधानमंत्रियों का नेतृत्व देखा है, जिनमें से प्रत्येक ने अपने कार्यकाल में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मौजूदा समय में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने 2014 से इस पद को संभाला हुआ है। प्रधानमंत्री के रूप में उनका नेतृत्व कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है।
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