हृदय की अनियमित धड़कनों को नियंत्रित करने के लिए पेसमेकर एक आवश्यक चिकित्सा उपकरण है। हाल के वर्षों में इस तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिले हैं, विशेष रूप से छोटे आकार के पेसमेकर ने कार्डियोलॉजी की दुनिया में नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। न केवल ये उपकरण आकार में छोटे हैं, बल्कि इनकी कार्यक्षमता और भरोसेमंद प्रदर्शन भी पहले से कहीं अधिक बेहतर हुआ है।
छोटे पेसमेकर की विशेषताएं
नए पेसमेकर आकार में बहुत छोटे होते हैं–लगभग एक विटामिन कैप्सूल जितने–जिन्हें सीधे हृदय में प्रत्यारोपित किया जा सकता है। इससे सर्जरी कम जटिल होती है और रिकवरी जल्दी होती है।
सर्जरी रहित इम्प्लांटेशन
पारंपरिक पेसमेकर की तुलना में इन छोटे पेसमेकर को कैथेटर की मदद से नस के जरिए प्रत्यारोपित किया जा सकता है, जिससे चीरफाड़ की आवश्यकता नहीं होती।
बैटरी लाइफ और विश्वसनीयता
इन डिवाइसों की बैटरी 10 से 12 साल तक चल सकती है और ये बेहद सटीकता से हृदय गति को नियंत्रित करते हैं।
कम संक्रमण जोखिम
चूंकि इन्हें त्वचा के नीचे चेस्ट में नहीं लगाया जाता और तारों की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए संक्रमण का खतरा बहुत कम हो जाता है।
रिमोट मॉनिटरिंग की सुविधा
आधुनिक पेसमेकर रिमोटली मॉनिटर किए जा सकते हैं, जिससे डॉक्टर बिना अस्पताल बुलाए ही मरीज की स्थिति का आकलन कर सकते हैं।