हिरोशिमा दिवस हर साल 6 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा शहर पर अमेरिका द्वारा गिराए गए परमाणु बम की त्रासदी की याद में मनाया जाता है। उस दिन, “लिटिल बॉय” नामक परमाणु बम गिराया गया, जिससे तत्काल ही हजारों लोग मारे गए और शहर का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया। इसके अलावा, विकिरण के प्रभाव से बाद के वर्षों में भी कई लोगों की मृत्यु हुई।
इस दिन को मनाने के पीछे की कहानी
द्वितीय विश्व युद्ध के समय, जापान और अमेरिका के बीच की लड़ाई चरम पर थी। 6 अगस्त 1945 को, अमेरिका ने युद्ध को समाप्त करने और जापान को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने के उद्देश्य से हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया। इस हमले के तीन दिन बाद, 9 अगस्त 1945 को, नागासाकी शहर पर दूसरा परमाणु बम गिराया गया। इन हमलों के परिणामस्वरूप जापान ने 15 अगस्त 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हुआ।
सबसे पहले इसे कब और किस देश में मनाया गया था
हिरोशिमा दिवस सबसे पहले जापान में मनाया गया। यह दिन शांति और परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। हर साल, हिरोशिमा में शांति स्मारक पार्क में एक स्मारक समारोह आयोजित किया जाता है, जिसमें बचे हुए लोग, उनके परिवार और अन्य लोग शामिल होते हैं। इस मौके पर शांति का संदेश दिया जाता है और परमाणु हथियारों के उपयोग को रोकने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई जाती है।
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हिरोशिमा दिवस केवल जापान में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में शांति और युद्ध के भयानक परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन हमें युद्ध और हिंसा के परिणामों पर विचार करने और शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने का अवसर देता है।
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