भारत में राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस हर साल 21 मई को मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य देशवासियों में आतंकवाद के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसके खिलाफ एकजुट होने का संदेश देना है। राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस विशेष रूप से भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती बम हमले में हत्या कर दी गई थी।
राजीव गांधी और आतंकवाद विरोधी दिवस
राजीव गांधी भारत के छठे प्रधानमंत्री थे और उन्होंने 1984 से 1989 तक इस पद को संभाला। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारत को आधुनिकता की ओर अग्रसर करने के लिए कई पहल कीं। लेकिन, 21 मई 1991 को, लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) नामक आतंकवादी संगठन ने उनकी हत्या कर दी। इस दुखद घटना की स्मृति में, भारत सरकार ने 21 मई को राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में घोषित किया।
आतंकवाद का प्रभाव और महत्व
आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है जो समाज के हर वर्ग को प्रभावित करता है। यह न केवल निर्दोष लोगों की जान लेता है बल्कि आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को भी खतरे में डालता है। आतंकवाद का सीधा प्रभाव उन परिवारों पर पड़ता है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। इसके अलावा, यह राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति को भी बाधित करता है।
राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस के उद्देश्य
- जागरूकता फैलाना: इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों में आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाना है। आतंकवाद के खतरों और इसके प्रभावों के बारे में जानकारी देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
- संकल्प: विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में आतंकवाद विरोधी शपथ दिलाई जाती है। इस शपथ का उद्देश्य लोगों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने का संकल्प दिलाना है।
- सम्मान और श्रद्धांजलि: इस दिन उन वीर जवानों और नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी है। यह दिवस उन शहीदों की याद दिलाता है जिन्होंने देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया।
- शिक्षा और संवाद: इस दिन विभिन्न सेमिनार, वाद-विवाद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं में आतंकवाद के प्रति समझ और इसके निवारण के तरीकों के बारे में जानकारी बढ़ाना है।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता
राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस हमें यह याद दिलाता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी का योगदान महत्वपूर्ण है। हमें मिलकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा और उन तत्वों से सावधान रहना होगा जो समाज की शांति और सुरक्षा को भंग करना चाहते हैं। इस दिन का संदेश है कि हम सभी को मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की हिंसा को नकारना चाहिए।
निवारक उपायों पर ध्यान देना होगा
- शिक्षा और रोजगार: गरीबी और बेरोजगारी अक्सर आतंकवाद के कारण बनते हैं। शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाकर हम युवाओं को आतंकवाद के चंगुल से बचा सकते हैं।
- सामाजिक एकता: समाज में एकता और सद्भाव बनाए रखना आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत हथियार है। विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देना आवश्यक है।
- सरकारी नीतियांं और सुरक्षा उपाय: सरकार को आतंकवाद के खिलाफ कठोर नीतियाँ अपनानी चाहिए और सुरक्षा एजेंसियों को मजबूत बनाना चाहिए।
राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस हमें यह संकल्प दिलाता है कि हम मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे और एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित समाज का निर्माण करेंगे। यह दिन न केवल हमें आतंकवाद के खतरों के प्रति जागरूक करता है, बल्कि हमें एकजुट होकर इसके खिलाफ खड़ा होने की प्रेरणा भी देता है।
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