Saturday, April 19, 2025

ह‍िंंदू रीत‍ि-र‍िवाज से विवाह करने का सही तरीका क्‍या है, जानें सात फेरे के सात वचन

हिंदू समाज में विवाह को दो पव‍ित्र आत्‍माओं का बंधन माना जाता है, जिसमें दो आत्माएं एक-दूसरे के साथ बंध जाती हैं और वे अपने आजीविकी यात्रा को साझा करने का संकल्प करती हैं। विवाह में सात फेरे होते हैं, जिन्हें सात वचनों का प्रतीक माना जाता है। इन सात फेरों में जीवन साथी एक-दूसरे के साथ अपने जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों का सांग सजाते हैं। यहां हम इन सात फेरों और उनके वचनों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।

पहला फेरा: प्रेम और साझेदारी का वचन

पहले फेरे में ब्राह्मण पंडित या पुरोहित द्वारा समर्पित वचन कहा जाता है जिसमें पति-पत्नी को एक-दूसरे के प्रति प्रेम और साझेदारी का संकल्प लेना होता है। इस फेरे में यह वचन बोला जाता है, “ए भगवान! हम इस नए जीवन के साथ एक-दूसरे के प्रति पूर्ण समर्पण का संकल्प लेते हैं। हम प्रेम और साझेदारी के साथ एक-दूसरे की मदद करेंगे और इस नए सफर में साथ रहेंगे।”

दूसरा फेरा: आत्‍मन‍िर्भरता और समृद्ध‍ि का वचन

दूसरे फेरे में जीवन साथी आत्मनिर्भरता, समृद्धि, और आर्थिक सहयोग का संकल्प लेते हैं। इस फेरे में वचन होता है, “ए भगवान! हम आपसी सहयोग के साथ आत्मनिर्भरता और समृद्धि का संकल्प लेते हैं। हम आपस में सहारा देंगे और आर्थिक सांठगांठ को सुलझाएंगे।”

तीसरा फेरा: संतुलन और समर्थन का वचन

तीसरे फेरे में जीवन साथी एक-दूसरे के साथ संतुलन और समर्थन का वचन लेते हैं। इस फेरे में वचन होता है, “ए भगवान! हम एक-दूसरे के साथ संतुलन बनाए रखेंगे और हमेशा एक-दूसरे का समर्थन करेंगे। हम साझा मेहनत करेंगे और एक-दूसरे के लक्ष्यों को पूरा करने में सहारा देंगे।”

चौथा फेरा: पर‍िवार और धरोहर का वचन

चौथे फेरे में जीवन साथी एक-दूसरे के साथ परिवार और धरोहर का समर्पण करते हैं। इस फेरे में वचन होता है, “ए भगवान! हम एक-दूसरे के परिवार का हिस्सा बन जाते हैं और आपसी समर्पण के साथ इस परिवार की धरोहर को बढ़ावा देते हैं।”

पांचवा फेरा: संगीत और साह‍ित्‍य का वचन

पाँचवे फेरे में जीवन साथी एक-दूसरे के साथ संगीत और साहित्य के क्षेत्र में समर्पित होने का वचन लेते हैं। इस फेरे में वचन होता है, “ए भगवान! हम एक-दूसरे के संगीत और साहित्य के क्षेत्र में समर्पित होंगे और एक-दूसरे की सांस्कृतिक और कला में समृद्धि के लिए समर्पित रहेंगे।”

छठा फेरा: संतान सुख और धर्म का वचन

छठे फेरे में जीवन साथी एक-दूसरे के साथ संतान सुख और धर्म का समर्पण करते हैं। इस फेरे में वचन होता है, “ए भगवान! हम एक-दूसरे के साथ संतान सुख और धर्म के क्षेत्र में समर्पित होंगे और आपसी समर्थन के साथ धर्मिक मूल्यों की रक्षा करेंगे।”

सातवां फेरा: सदा साथ रहने का वचन

सातवें और अंतिम फेरे में जीवन साथी एक-दूसरे के साथ सदा साथ रहने का संकल्प लेते हैं। इस फेरे में वचन होता है, “ए भगवान! हम एक-दूसरे के साथ सदा साथ रहेंगे, अच्छे और बुरे समयों में एक-दूसरे का साथी बनेंगे और साथ में सभी कठिनाइयों को पार करेंगे।”

इन सात फेरों के सात वचनों के माध्यम से, हिंदू विवाह में जीवन साथी एक-दूसरे के साथ बंधन में प्रतिबद्ध होते हैं और इस नए यात्रा में एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। यह एक पवित्र संस्कृति और सामाजिक बंधन की अद्भुत प्रतिष्ठा का प्रतीक है जो एक नए परिवार की नींव होता है।


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