Sunday, April 20, 2025

आठमुखी रूद्राक्ष की विशेषताएँ: आठमुखी रूद्राक्ष का संचालक ग्रह है राहु, इसे धारण करने से रोगों से म‍िलती है मुक्‍त‍ि

आठमुखी रूद्राक्ष में कार्त‍िकेय, गणेश, अष्‍टमातृगण, अष्‍टवसुकगण और गंगा का अध‍िवास माना गया है। यह रूद्राक्ष मिथ्‍या भाषण से उत्‍पन्न पापों को नष्‍ट करता है। यह संपूर्ण विघ्‍नों को नष्‍ट करता है। अन्नकूट (अन्न में म‍िलावट करने वाला ), तूलकूट (डंडी मारने वाला), स्‍वर्णकूट (सोने में म‍िलावट करने वाला), आद‍ि के भागीदारों के सभी दोष इस रूद्राक्ष के धारण मात्र से दूर हो जाते हैं।

आठमुखी रूद्राक्ष का नियंत्रक और संचालक ग्रह राहु है। जो छाया ग्रह है। इसमें शन‍ि ग्रह की भांत‍ि शन‍ि ग्रह से भी बढ़कर प्रकाशहीनता का दोष है। यह शन‍ि की तरह लंबा, पीड़ादायक अभाव एवं रोगकारक ग्रह है। यह योजनाओं को विलंब‍ित कराने वाला ग्रह है।

यह ग्रह भावनाओं को अकस्‍मात भी घट‍ित करा देता है। फेफड़े की बीमारी, पैसों का कष्‍ट, चर्मरोग, सर्प-भय, मोत‍ियाब‍िंंदु, अण्‍डकोश-वृद्ध‍ि, श्‍वास कष्‍ट इत्‍याद‍ि रोगों का कारक राहु ग्रह है। आठमुखी रूद्राक्ष धारण करने से उक्‍त सभी रोगों एवं राहु की पीड़ाओ से मुक्‍त‍ि म‍िलती है।

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