Sunday, April 20, 2025

भारत में यूनिवर्सल बेसिक इंकम का भविष्य, संभावनाएं और उम्मीदें

यूनिवर्सल बेसिक इंकम (यूबीआई) एक सामाजिक सुरक्षा योजना है जिसके तहत सरकार प्रत्येक नागरिक को एक निश्चित राशि नियमित अंतराल पर प्रदान करती है, चाहे वह व्यक्ति काम कर रहा हो या नहीं। इसका उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है ताकि वे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकें। यूबीआई की खासियत यह है कि इसे बिना किसी शर्त के सभी नागरिकों को दिया जाता है, जिससे सामाजिक असमानता कम करने और गरीबी उन्मूलन में सहायता मिलती है।

यूबीआई के फायदे

  • आर्थ‍िक सुरक्षा: यूबीआई से सभी नागरिकों को न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा प्राप्त होती है, जिससे वे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं जैसे भोजन, वस्त्र, और आवास। इससे गरीबी कम होती है और लोगों की जीवन स्तर में सुधार होता है।
  • सामाज‍िक समानता: यूबीआई समाज में आर्थिक असमानता को कम करने में मदद करता है। सभी नागरिकों को एक समान राशि मिलने से गरीब और अमीर के बीच की खाई कम होती है।
  • स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा में सुधार: यूबीआई से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा प्राप्त करने में सहायता मिलती है। जब लोगों के पास बुनियादी आर्थिक सुरक्षा होती है, तो वे अपनी स्वास्थ्य और शिक्षा पर अधिक ध्यान दे सकते हैं।
  • बेहतर रोजगार के अवसर: यूबीआई से लोगों को अपने करियर विकल्पों में अधिक स्वतंत्रता मिलती है। वे अपनी पसंद के क्षेत्रों में काम करने का निर्णय ले सकते हैं, जिससे नौकरी के प्रति उनकी संतुष्टि और उत्पादकता बढ़ती है।
  • अर्थव्‍यवस्‍था में स्‍थ‍िरता: यूबीआई से घरेलू मांग में वृद्धि होती है क्योंकि लोग अपनी आवश्यकताओं पर खर्च कर सकते हैं। इससे अर्थव्यवस्था में स्थिरता और विकास होता है।

भारत में यूबीआई का प्रचलन

भारत में यूबीआई का पूर्ण रूप से प्रचलन अभी तक नहीं है, लेकिन इसे लेकर विभिन्न स्तरों पर चर्चाएं और विचार-विमर्श होते रहे हैं। 2016-17 के आर्थिक सर्वेक्षण में, तत्कालीन मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने यूबीआई की संभावना पर जोर दिया था। उन्होंने यूबीआई को गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा के साधन के रूप में देखा था।

  • सिक्‍क‍िम का सूबीआई प्रयोग: सिक्किम सरकार ने 2019 में घोषणा की थी कि वह राज्य में यूबीआई लागू करने की योजना बना रही है। हालांकि, इस योजना को पूरी तरह से लागू करने में कई चुनौतियां और अड़चनें सामने आई हैं।
  • मध्‍य प्रदेश का आधारभूत आय समर्थन: मध्य प्रदेश में सरकार ने गरीबों के लिए एक आधारभूत आय समर्थन योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य उन्हें न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना था।

यूबीआई की चुनौत‍िया

  • वित्तीय भार: यूबीआई को लागू करने के लिए सरकार को भारी वित्तीय व्यय करना होगा। यह एक बड़ी चुनौती है, खासकर उन राज्‍यों के लिए जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है।
  • लक्ष्‍य निर्धारण: हालांकि यूबीआई सभी नागरिकों के लिए है, लेकिन यह सुनिश्चित करना कि सही लोग लाभान्वित हों, एक बड़ी चुनौती हो सकती है। यह सुनिश्चित करना कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सही लाभ मिले, महत्वपूर्ण है।
  • प्रेरणा पर प्रभाव: कुछ आलोचक कहते हैं कि यूबीआई से लोगों की काम करने की प्रेरणा कम हो सकती है। हालांकि, कई अध्ययनों ने यह भी दिखाया है कि यूबीआई से लोगों को अपनी रुचि और कौशल के अनुसार काम करने की स्वतंत्रता मिलती है।
  • व्‍यवस्‍थागत बाधाएं: यूबीआई को लागू करने के लिए मजबूत और पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था की आवश्यकता होती है। भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अक्षमता से निपटना एक बड़ी चुनौती हो सकती है।

भव‍िष्‍य में यूबीआई की संभावना

  • प्रौद्योग‍िकी और स्‍वचालन: भविष्य में, प्रौद्योगिकी और स्वचालन के बढ़ते प्रभाव से कई नौकरियां समाप्त हो सकती हैं। ऐसे में यूबीआई एक महत्वपूर्ण साधन हो सकता है जिससे लोग अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकें।
  • आर्थ‍िक सुधार: अगर भारत अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करता है और राजस्व संग्रह में वृद्धि होती है, तो यूबीआई जैसी योजनाओं को लागू करना संभव हो सकता है। इसके लिए कराधान प्रणाली में सुधार और सरकारी व्यय में प्रभावशीलता आवश्यक होगी।
  • राजनीत‍िक इच्‍छाशक्‍त‍ि: यूबीआई को लागू करने के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। सरकारों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाकर यूबीआई के लाभों और चुनौतियों पर गंभीरता से विचार करना होगा।

यूबीआई एक प्रभावशाली सामाजिक सुरक्षा योजना हो सकती है जो आर्थिक सुरक्षा, सामाजिक समानता, और जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक है। हालांकि, इसे लागू करने में कई चुनौतियाँ और बाधाएं हैं, जिन्हें पार करना आवश्यक है। भारत में यूबीआई का भविष्य इस पर निर्भर करेगा कि सरकार और समाज इस विचार को कैसे स्वीकार करते हैं और इसके क्रियान्वयन के लिए क्या कदम उठाते हैं।


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Amit Mishra
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अमित मिश्रा को मीडिया के विभ‍िन्‍न संस्‍थानों में 15 वर्ष से ज्‍यादा का अनुभव है। इन्‍हें Digital के साथ-साथ Print Media का भी बेहतरीन अनुभव है। फोटो पत्रकारिता, डेस्‍क, रिपोर्ट‍िंंग के क्षेत्र में कई वर्षों तक अमित मिश्रा ने अपना योगदान दिया है। इन्‍हें तस्‍वीरें खींचना और उनपर लेख लिखना बेहद पसंद है। इसके अलावा इन्‍हें धर्म, फैशन, राजनीति सहित अन्‍य विषयों में रूच‍ि है। अब वह TheConnect24.com में बतौर डिज‍िटल कंटेंट प्रोड्यूसर कार्यरत हैं।
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