जीभ का रंग क्या कहता है आपकी सेहत के बारे में
जीभ का रंग एक महत्वपूर्ण संकेतक होता है। स्वस्थ व्यक्ति की जीभ हल्की गुलाबी और नमी लिए होती है। यदि जीभ पीली दिखाई दे रही है, तो यह पाचन संबंधी गड़बड़ी या लीवर की समस्या का संकेत हो सकता है। सफेद परत फंगल इंफेक्शन या पाचन दोष की ओर इशारा करती है। अगर जीभ नीली या काली हो रही है, तो यह ऑक्सीजन की कमी या किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है। डॉक्टर इन रंगों को देखकर तुरंत शुरुआती अंदाजा लगा लेते हैं कि शरीर में कौन-सी प्रणाली प्रभावित हो रही है।
जीभ पर सफेद परत दिखना किस बीमारी का लक्षण है?
अगर जीभ पर मोटी सफेद परत जमी हो, तो यह शरीर में विषैले पदार्थों के जमा होने का संकेत हो सकता है। यह परत अक्सर मुंह की सफाई न रखने, पेट की खराबी या फंगल इंफेक्शन जैसे कैंडिडा के कारण बनती है। यह टॉन्सिल संक्रमण, बुखार, या पाचन क्रिया में गड़बड़ी का भी लक्षण हो सकता है। डॉक्टर सफेद परत की मोटाई, बनावट और स्थान के आधार पर यह अंदाजा लगा सकते हैं कि समस्या सिर्फ मुंह तक सीमित है या आंतरिक अंगों में कुछ गड़बड़ है।
जीभ पर सूजन और छाले-किन रोगों का संकेत
जीभ पर सूजन आना, लाल चकत्ते या बार-बार छाले बनना शरीर में विटामिन बी12 या आयरन की कमी दर्शाता है। इससे इम्यून सिस्टम की कमजोरी, तनाव, या पेट में गर्मी भी जुड़ी हो सकती है। कभी-कभी यह मौखिक कैंसर या एलर्जी का लक्षण भी हो सकता है। डॉक्टर ऐसे मामलों में केवल जीभ की जांच से नहीं रुकते बल्कि ब्लड टेस्ट और पोषण संबंधी जांच भी करवाने की सलाह देते हैं, ताकि सटीक कारण पता लगाया जा सके।
जीभ की बनावट से कैसे होती है बीमारियों की पहचान?
जीभ की सतह अगर ज्यादा चिकनी हो जाए तो यह पोषण की कमी या एनीमिया का संकेत हो सकता है। वहीं अगर जीभ पर दरारें या कट जैसी रेखाएं दिखें, तो यह पाचन की समस्याएं या डिहाइड्रेशन का लक्षण हो सकता है। कुछ मामलों में यह जेनेटिक भी हो सकता है, लेकिन डॉक्टर इसकी गहराई और फैलाव देखकर यह तय करते हैं कि यह सामान्य है या किसी गंभीर रोग का संकेत है। बनावट का निरीक्षण करने से डॉक्टर को थायरॉइड, स्कर्वी या गैस्ट्रिक संबंधित जानकारी मिलती है।
जीभ की गति और कंपन से क्या समझते हैं डॉक्टर
जब जीभ हिलती है, तो उसकी गति और नियंत्रण भी डॉक्टर ध्यान से देखते हैं। जीभ का बहुत धीमी गति से चलना या कंपन होना न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसे पार्किंसन या स्ट्रोक के संकेत हो सकते हैं। कभी-कभी बोलने में असमर्थता या जीभ की असामान्य हरकतें मस्तिष्क या नसों से जुड़ी बीमारियों की ओर इशारा करती हैं। इसलिए कई बार डॉक्टर जीभ की जांच के साथ-साथ न्यूरोलॉजिकल परीक्षण भी करने की सलाह देते हैं।
जीभ के नीचे की नसों और रंग का महत्व
डॉक्टर जीभ के नीचे की नसों और रंग की भी जांच करते हैं। यदि नसें बहुत ज्यादा उभरी हुई हों या रंग नीला पड़े, तो यह शरीर में रक्त संचार में समस्या, उच्च रक्तचाप या ऑक्सीजन की कमी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा सूजन, गांठ या दर्द दिखे तो यह किसी संक्रमण या टॉक्सिन के जमाव की चेतावनी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर मौखिक परीक्षण के साथ शरीर के अन्य हिस्सों की जांच भी जरूरी मानते हैं।
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