Sunday, June 15, 2025

Broom and Goddess Lakshmi: जानिए क्यों झाड़ू को घर में छुपाकर रखना चाहिए

Broom and Goddess Lakshmi: भारतीय संस्कृति में हर वस्तु का एक विशेष महत्व होता है, और झाड़ू भी उनमें से एक है। यह केवल घर की सफाई का साधन नहीं, बल्कि मां लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है। वास्तु शास्त्र में झाड़ू से जुड़ी अनेक मान्यताएं हैं, जिनका पालन करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। झाड़ू का सही स्थान, समय और प्रयोग यदि नियमपूर्वक किया जाए, तो यह दरिद्रता को दूर करने में सहायक होती है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे झाड़ू से जुड़ी 6 प्रमुख मान्यताएं, जिन्हें अपनाकर आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रख सकते हैं।

झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक क्यों माना गया है?

वास्तु शास्त्र और हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार झाड़ू केवल गंदगी साफ करने का उपकरण नहीं है, बल्कि इसे मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। झाड़ू घर की नकारात्मक ऊर्जा को हटाती है और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करती है। झाड़ू का सम्मान करना, दरअसल मां लक्ष्मी का सम्मान करना है। यदि आप झाड़ू को आदरपूर्वक संभालते हैं, तो घर में बरकत बनी रहती है और दरिद्रता दूर रहती है।

झाड़ू पर पैर लगाना क्यों होता है अपशकुन?

झाड़ू पर पैर लगाना अशुद्ध और अपशकुन माना जाता है क्योंकि यह लक्ष्मी जी का प्रतीक होती है। जब हम अनजाने में भी झाड़ू पर पैर रखते हैं, तो यह देवी लक्ष्मी का अपमान होता है। इससे घर में कलह, धन की हानि और नकारात्मकता बढ़ सकती है। यदि गलती से ऐसा हो जाए तो झाड़ू को उठाकर प्रणाम कर लेना चाहिए और मां लक्ष्मी से क्षमा मांगनी चाहिए।

झाड़ू को घर में कहां और कैसे रखें?

झाड़ू को हमेशा घर के कोने में, छुपा कर और नीचे की ओर झुका कर रखना चाहिए। इसे कभी भी खुला या दरवाजे के पास नहीं रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार, झाड़ू को ऐसे स्थान पर रखें जहां वह सीधा दिखाई न दे, वरना यह घर की समृद्धि को प्रभावित कर सकती है। झाड़ू रखने का सही स्थान दक्षिण-पश्चिम दिशा मानी जाती है, क्योंकि यह दिशा स्थिरता और सुरक्षा की प्रतीक होती है।

रात में झाड़ू बाहर क्यों नहीं रखनी चाहिए?

रात्रि में झाड़ू को घर के बाहर या खुले में रखने से लक्ष्मी जी का अनादर होता है। यह आर्थिक नुकसान और दरिद्रता का कारण बन सकता है। रात में झाड़ू रखने से माना जाता है कि घर की धन-समृद्धि चुपचाप बाहर चली जाती है। इसलिए सूर्यास्त के बाद झाड़ू का प्रयोग और उसकी खुली जगहों पर उपस्थिति वर्जित मानी जाती है।

झाड़ू खरीदने के दिन और समय का भी है महत्व

वास्तु शास्त्र के अनुसार झाड़ू मंगलवार या शनिवार को खरीदनी चाहिए। खासकर अमावस्या या चतुर्दशी जैसे दिन पर झाड़ू खरीदना अशुभ माना जाता है। प्रातःकाल में झाड़ू खरीदने से शुभ फल प्राप्त होते हैं, जबकि सूर्यास्त के बाद यह क्रय करना वर्जित है। सही दिन और समय पर खरीदी गई झाड़ू घर में समृद्धि और लक्ष्मी का वास लाती है।

एक ही झाड़ू का वर्षों तक उपयोग करना वर्जित

झाड़ू को समय-समय पर बदलना जरूरी होता है। बहुत पुरानी और टूटी झाड़ू घर में दरिद्रता और आलस्य का प्रतीक बन जाती है। आयुर्वेद और वास्तु दोनों में यह मान्यता है कि हर वस्तु की एक ऊर्जा होती है, और पुरानी झाड़ू की ऊर्जा घर की सकारात्मकता को प्रभावित कर सकती है। हर 6 महीने या अधिकतम 1 वर्ष में झाड़ू बदलना शुभ माना गया है।

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Amit Mishra
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अमित मिश्रा को मीडिया के विभ‍िन्‍न संस्‍थानों में 15 वर्ष से ज्‍यादा का अनुभव है। इन्‍हें Digital के साथ-साथ Print Media का भी बेहतरीन अनुभव है। फोटो पत्रकारिता, डेस्‍क, रिपोर्ट‍िंंग के क्षेत्र में कई वर्षों तक अमित मिश्रा ने अपना योगदान दिया है। इन्‍हें तस्‍वीरें खींचना और उनपर लेख लिखना बेहद पसंद है। इसके अलावा इन्‍हें धर्म, फैशन, राजनीति सहित अन्‍य विषयों में रूच‍ि है। अब वह TheConnect24.com में बतौर डिज‍िटल कंटेंट प्रोड्यूसर कार्यरत हैं।
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