Top lemon producing states: भारत में नींबू की सबसे अधिक खेती आंध्र प्रदेश राज्य में होती है। यहां की जलवायु-विशेषकर शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्र-नींबू की खेती के लिए अनुकूल मानी जाती है। खासकर कडप्पा, अनंतपुर, गुंटूर और कृष्णा जिलों में बड़े पैमाने पर नींबू की खेती होती है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को ड्रिप इरिगेशन, मिट्टी परीक्षण और उन्नत किस्मों के पौधों की सुविधा दी जा रही है, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों बढ़े हैं। यहां से देश के विभिन्न हिस्सों में नींबू की आपूर्ति होती है, और अंतरराष्ट्रीय निर्यात भी किया जाता है। आंध्र प्रदेश में नींबू की खेती न केवल एक पारंपरिक खेती है, बल्कि यह स्थानीय किसानों की आजीविका का अहम स्रोत बन गई है।
महाराष्ट्र: उन्नत तकनीक से बढ़ रहा उत्पादन
महाराष्ट्र नींबू की खेती में देश में दूसरा स्थान रखता है। खासकर नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, और नांदेड जैसे क्षेत्रों में नींबू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यहां की लाल मिट्टी और मध्यम वर्षा नींबू के पौधों के लिए अनुकूल है। महाराष्ट्र के किसान अब पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों जैसे मल्चिंग, जैविक खाद, और कीट नियंत्रण के नए उपाय भी अपनाते हैं। राज्य सरकार द्वारा भी नींबू के बागों को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो रही है। नींबू का उपयोग केवल घरेलू बाजार में ही नहीं, बल्कि प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिए भी किया जाता है-जैसे नींबू जूस, पिकल्स और औषधीय उत्पाद।
तेलंगाना: कम वर्षा वाले क्षेत्र में अधिक उत्पादन
तेलंगाना राज्य भी नींबू की खेती में तेजी से उभर रहा है। महबूबनगर, खम्मम, और वारंगल जैसे जिले नींबू उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां की जलवायु में कम वर्षा और गर्मी अधिक होती है, जो नींबू के पेड़ों के लिए अनुकूल है। किसानों ने यहां ‘संतरा नींबू’ और ‘विलायती नींबू’ जैसी किस्मों को अपनाया है, जिनसे अधिक उपज मिलती है। सरकार द्वारा दिए जा रहे कृषि प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता ने खेती की लागत को कम और मुनाफा अधिक किया है। तेलंगाना में नींबू न केवल खेतों तक सीमित है, बल्कि यहां से दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में नियमित रूप से नींबू की आपूर्ति की जाती है।
गुजरात: व्यापारिक दृष्टि से लाभकारी नींबू उत्पादन
गुजरात में नींबू की खेती मुख्यतः सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के जिलों जैसे भरूच, सूरत, नवसारी और वलसाड में होती है। यहां के किसान नींबू को एक नकदी फसल की तरह अपनाते हैं, क्योंकि इसकी बाजार में साल भर मांग बनी रहती है। गुजरात सरकार ने भी नींबू की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में सहायता प्रदान की है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं। किसान उन्नत किस्मों जैसे ‘कागजी नींबू’ और ‘बीज रहित नींबू’ की खेती करते हैं। साथ ही, ड्रिप इरिगेशन और जैविक तरीकों से उत्पादन लागत घटाई जा रही है। गुजरात में नींबू की फसल से किसानों को प्रति एकड़ में अच्छी आमदनी हो रही है, जिससे यह क्षेत्र आर्थिक रूप से सशक्त बनता जा रहा है।
तमिलनाडु: निर्यात के लिए नींबू का प्रमुख केंद्र
तमिलनाडु भी नींबू उत्पादन में एक महत्वपूर्ण राज्य है, विशेषकर सेलम, इरोड, और धर्मपुरी जिलों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यहां की जलवायु, विशेष रूप से दक्षिण-पश्चिम मानसून से पहले की गर्मी, नींबू के पौधों के लिए उत्तम मानी जाती है। तमिलनाडु में उगाए गए नींबू की गुणवत्ता अच्छी होने के कारण यह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी निर्यात किया जाता है। राज्य में प्रोसेसिंग यूनिट्स, कोल्ड स्टोरेज और निर्यात केंद्रों की उपलब्धता ने किसानों को वैश्विक बाजार से जोड़ने में मदद की है। यहां नींबू के साथ-साथ नींबू आधारित उत्पाद जैसे स्क्वैश, जूस और पाउडर भी बनते हैं, जिससे मूल्यवर्धन होता है।
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