Height after periods: भारत समेत कई देशों में यह धारणा है कि लड़कियों की लंबाई सिर्फ पीरियड्स (Periods) से पहले ही बढ़ती है, और पहली माहवारी के बाद अचानक रुक जाती है। दरअसल, यह सोच कुछ हद तक सही है लेकिन पूरी तरह नहीं। शरीर में हार्मोनल बदलाव पीरियड्स के आसपास तेजी से होते हैं, जिससे ग्रोथ स्पर्ट यानी अचानक लंबाई बढ़ने की अवधि शुरू होती है। इसके बाद विकास की गति धीमी हो जाती है, मगर रुकती नहीं।
एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
चिकित्सक और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट बताते हैं कि पहली माहवारी (Menarche) के बाद भी लड़कियां औसतन 5-7 सेंटीमीटर तक और बढ़ सकती हैं। हालांकि, यह विकास की रफ्तार उस समय की तुलना में कम हो जाती है जब पीरियड्स शुरू नहीं हुए थे। हड्डियों की ग्रोथ प्लेट्स (Epiphyseal plates) पूरी तरह बंद होने में 2-3 साल लग सकते हैं, जिससे लंबाई बढ़ने की संभावना बनी रहती है।
हड्डियों का रोल क्या है?
लड़कियों में लंबाई मुख्य रूप से हड्डियों की लंबाई पर निर्भर करती है। पीरियड्स के बाद हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन ग्रोथ प्लेट्स को धीरे-धीरे बंद करने का काम करते हैं। जब तक ये प्लेट्स पूरी तरह फ्यूज नहीं होतीं, लंबाई बढ़ती रहती है। यही कारण है कि कुछ लड़कियां पीरियड्स (Periods) के बाद भी अच्छी खासी बढ़ती हैं।
खानपान और जीवनशैली का असर
सिर्फ हार्मोन ही नहीं, बल्कि पोषण, एक्सरसाइज और नींद भी लंबाई बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि पीरियड्स (Periods) के बाद भी दूध, हरी सब्जियां, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी का अच्छा सेवन करना चाहिए। तैराकी, साइक्लिंग, स्किपिंग और योग जैसी गतिविधियां भी फायदेमंद होती हैं।
अनुवांशिकता का प्रभाव
लड़की की लंबाई में माता-पिता की ऊंचाई का बड़ा योगदान होता है। अगर परिवार में लोग लंबे हैं तो पीरियड्स (Periods) के बाद भी अच्छी ग्रोथ हो सकती है। इसके विपरीत, अगर अनुवांशिक रूप से कद छोटा है, तो लंबाई की संभावनाएं सीमित हो सकती हैं। इसलिए हर किसी की ग्रोथ अलग होती है।
गलत धारणाओं से बचें
यह धारणा कि पीरियड्स के बाद लंबाई (Height after periods) बिल्कुल नहीं बढ़ती, गलत है। यह सोच कई लड़कियों को निराश कर देती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि सही खानपान, व्यायाम और पर्याप्त नींद के साथ, पीरियड्स के बाद भी लंबाई बढ़ाई जा सकती है। इसे पूरी तरह रुकावट मानना वैज्ञानिक दृष्टि से भी सही नहीं है।
कब तक बढ़ सकती है लंबाई?
अधिकतर लड़कियों में पहली माहवारी के बाद 2-3 साल तक लंबाई धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। यह प्रक्रिया 16-18 वर्ष तक चल सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि किशोरावस्था में अच्छी लाइफस्टाइल अपनाई जाए, ताकि शरीर को विकास के लिए जरूरी पोषण और ऊर्जा मिलती रहे।
स्पोर्ट्स से लंबाई बढ़ने की संभावना
पीरियड्स (Periods) के बाद भी स्पोर्ट्स में एक्टिव रहना हड्डियों और मसल्स के विकास को बढ़ावा देता है। खासतौर पर तैराकी, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, स्किपिंग और दौड़ जैसे खेल शरीर को स्ट्रेच करते हैं और ग्रोथ हार्मोन के स्राव को भी प्रोत्साहित करते हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि नियमित खेलकूद से न सिर्फ लंबाई पर असर पड़ता है, बल्कि शरीर की मुद्रा (posture) भी सुधरती है, जिससे व्यक्ति ऊँचा दिखाई देता है। इसलिए किशोरावस्था के बाद भी खेलकूद को अपनी दिनचर्या में शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
अच्छी नींद का महत्व
लड़कियों के विकास में नींद की अहम भूमिका होती है। पीरियड्स (Periods) के बाद भी रात को 8–9 घंटे की गहरी नींद लेने से ग्रोथ हार्मोन का स्तर संतुलित रहता है, जिससे लंबाई बढ़ने की प्रक्रिया में मदद मिलती है। देर रात तक मोबाइल या टीवी देखने की आदत इस प्राकृतिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। एक्सपर्ट मानते हैं कि सोने का सही समय और अच्छी नींद शरीर के विकास को सपोर्ट करती है, इसलिए इस उम्र में इसे प्राथमिकता देनी चाहिए।
आत्मविश्वास बनाए रखना भी जरूरी
कई बार लड़कियां पीरियड्स के बाद लंबाई (Height after periods) न बढ़ने की चिंता से तनाव में आ जाती हैं, जो हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ सकता है। एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि इस दौरान सकारात्मक सोच बनाए रखना, अपनी उम्र के मुताबिक एक्टिव रहना और पौष्टिक भोजन लेना चाहिए। आत्मविश्वास से न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है, बल्कि शरीर भी बेहतर तरीके से विकसित होता है। याद रखें, लंबाई के साथ-साथ सेहतमंद शरीर और खुश रहना भी उतना ही जरूरी है।
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