Life Line Reading: हस्तरेखा विज्ञान में विवाह का भविष्य जानने के लिए हथेली पर मौजूद रेखाओं और पर्वतों का गहरा अध्ययन किया जाता है। वर-वधू के योग का निर्धारण इन रेखाओं की स्थिति और उनके चिह्नों से होता है। कई बार कुछ रेखाएं और पर्वत वैवाहिक जीवन के लिए अशुभ संकेत भी देते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ संकेतों के बारे में।
हृदय रेखा का महत्व
यदि हृदय रेखा छोटी या हल्की हो तो यह वैवाहिक जीवन में अस्थिरता का संकेत देती है। ऐसे लोगों के संबंधों में दूरी और विच्छेद की संभावना अधिक रहती है।
मंगल पर्वत के दोष
जरूरत से ज्यादा विकसित मंगल पर्वत या उस पर दोषपूर्ण चिह्न विवाह के लिए अशुभ माने जाते हैं। यह वैवाहिक जीवन में संघर्ष और असहमति का कारण बन सकता है।
शुक्र पर्वत का कम उभार
शुक्र पर्वत यदि कम विकसित हो तो वैवाहिक जीवन में शारीरिक संतुष्टि नहीं मिलती। इसी प्रकार चंद्र और बृहस्पति पर्वत का कम उभार भी असंतोष का कारण बनता है।
अशुभ चिह्न और दूरी
हृदय रेखा पर काले चिह्न, मस्तिष्क और जीवन रेखा में अधिक दूरी, तथा हथेली का निचला क्षेत्र अत्यधिक विकसित होना विवाह के बाद शारीरिक अनुकूलता के लिए अशुभ माना जाता है।
तलाक और संतान सुख की कमी
यदि विवाह रेखा दो भागों में बंटे या उस पर क्रॉस हो, तो तलाक की आशंका बढ़ जाती है। वहीं, हृदय रेखा छोटी और शुक्र व गुरु पर्वत कम विकसित होने पर संतान सुख भी बाधित होता है।
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