Bangladesh violence: बांग्लादेश इन दिनों हिंसा और विरोध प्रदर्शनों की चपेट में है। 18 दिसंबर की रात युवा नेता शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत की खबर ने हालात और बिगाड़ दिए। हादी की हत्या के बाद देशभर में अशांति फैल गई। इसी बीच मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला में एक हिंदू व्यक्ति दीपू चंद्र दास को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। हत्या के बाद भीड़ ने शव को पेड़ से बांधकर आग लगा दी। पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया, लेकिन अब तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।
दीपू एक कपड़ा कारखाने में काम करते थे। उनकी हत्या ने देश में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना उस समय हुई जब हादी की मौत से पहले ही देश में तनाव चरम पर था। हादी बांग्लादेश के इस्लामी संगठन इंकलाब मंच के प्रवक्ता थे और आगामी चुनावों में ढाका से निर्दलीय उम्मीदवार थे। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी मौत के बाद पूरे देश में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया।
हादी ने 2024 में पूर्व राष्ट्रपति शेख हसीना की सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें भारत विरोधी नेता भी माना जाता है। पिछले सप्ताह चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें गोली मारी गई थी। समर्थकों का आरोप है कि हत्यारे भारत भाग गए हैं और वे मांग कर रहे हैं कि जब तक उन्हें सौंपा नहीं जाता, बांग्लादेश स्थित भारतीय उच्चायोग बंद कर दिया जाए।
बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शनिवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित करते हुए कहा कि हादी के हत्यारों को सख्त सजा दी जाएगी। हालांकि, हादी समर्थकों ने भारत विरोधी नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन जारी रखा। चटोग्राम में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर ईंट-पत्थर फेंके गए, लेकिन पुलिस ने स्थिति संभाल ली। वरिष्ठ अधिकारियों ने भारतीय उच्चायोग को सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
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