Benefits of rice starch for babies: 1 से 3 साल की उम्र बच्चों के संपूर्ण विकास का सबसे अहम समय होता है। इस उम्र में उनका पाचनतंत्र भी बहुत कोमल होता है, इसलिए जरूरत होती है ऐसे भोजन की जो सुपाच्य, पोषणयुक्त और शरीर को ऊर्जा देने वाला हो। चावल का माढ़ एक ऐसा ही देसी नुस्खा है, जो सदियों से बच्चों को पोषण देने के लिए अपनाया जाता रहा है।
सुपाच्य और हल्का भोजन-छोटे पेट के लिए बेहतर विकल्प
चावल का माढ़ बच्चों के नाजुक पाचन तंत्र के लिए एकदम उपयुक्त होता है। इसे पचाना बेहद आसान होता है और यह गैस, कब्ज या दस्त जैसे समस्याओं से राहत दिलाता है। जिन बच्चों को भूख नहीं लगती या बीमार रहने के बाद कमजोरी महसूस होती है, उनके लिए माढ़ अमृत समान है। इसमें मौजूद स्टार्च शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है और बच्चों को एक्टिव बनाए रखता है। चूंकि यह तरल होता है, इसलिए छोटे बच्चों के गले से आसानी से उतर जाता है और शरीर को हाइड्रेट भी करता है।
इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक
चावल का माढ़ न सिर्फ एनर्जी देता है, बल्कि यह बच्चों की इम्युनिटी को मजबूत करने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद विटामिन B, आयरन, और जिंक जैसे तत्व शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाते हैं। खासकर जब बच्चे संक्रमण या मौसमी बदलाव से प्रभावित होते हैं, तब माढ़ का सेवन उन्हें जल्दी ठीक करने में मदद करता है। अगर इसमें एक चुटकी हल्दी या जीरा मिलाकर दिया जाए तो यह और भी लाभकारी बन जाता है। आयुर्वेद में भी माढ़ को रोग प्रतिरोधक आहार माना गया है।
शरीर को हाइड्रेट और ऊर्जा से भरपूर रखता है
चावल का माढ़ गर्मियों या दस्त के दौरान बच्चों के शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है। इसमें 90% पानी होता है, जो शरीर को नमी प्रदान करता है और इलेक्ट्रोलाइट्स बैलेंस बनाए रखता है। इसके अलावा, यह तुरंत एनर्जी देने वाला फूड है, जो बच्चे के शरीर में शुगर लेवल को स्थिर रखता है। अगर बच्चा बार-बार थक जाता है या खेलने में रुचि नहीं लेता, तो माढ़ का नियमित सेवन उसकी एनर्जी को फिर से बहाल कर सकता है। इसमें किसी भी प्रकार का तामसिक तत्व नहीं होता, इसलिए यह हर समय दिया जा सकता है।
हड्डियों और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद
चावल के माढ़ में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे मिनरल्स होते हैं जो बच्चों की हड्डियों और मांसपेशियों के विकास में सहायक होते हैं। 1 से 3 साल की उम्र में हड्डियों का निर्माण तेजी से होता है, ऐसे में यह प्राकृतिक पोषण स्रोत उन्हें मजबूती देने में मदद करता है। जिन बच्चों में वजन या लंबाई की बढ़ोतरी धीमी होती है, उनके लिए यह एक बहुत सरल और असरदार उपाय है। माढ़ में थोड़ा सा घी मिलाकर देने से इसका पौष्टिक मूल्य और भी बढ़ जाता है।
भूख बढ़ाने और पाचन सुधारने में मददगार
चावल का माढ़ बच्चों की भूख को बढ़ाता है। अगर आपका बच्चा खाना खाने में आनाकानी करता है, तो दिन में एक बार उसे माढ़ देने से उसकी भूख बेहतर हो सकती है। यह पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करता है और आंतों को स्वस्थ बनाए रखता है। साथ ही, माढ़ पेट को ठंडक देता है और एसिडिटी या गैस की समस्या से भी राहत दिलाता है। इसे अदरक या जीरे के पानी के साथ मिलाकर देने से पाचन संबंधी समस्याएं कम हो जाती हैं।