Birth control pills weight gain: गर्भनिरोधक गोलियां महिलाओं के हार्मोन-एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन-के स्तर को नियंत्रित करके अंडोत्सर्ग (ovulation) को रोकती हैं। ये हार्मोन यूटेरस की परत को इस तरह बदलते हैं कि निषेचित अंडाणु गर्भाशय में नहीं टिक पाता। साथ ही यह सर्वाइकल म्यूकस को गाढ़ा कर देती हैं जिससे शुक्राणु अंडाणु तक नहीं पहुंच पाते। ये दवाएं सुरक्षित गर्भनिरोधक विकल्प हैं जब सही तरीके से ली जाएं। इनकी शुरुआत डॉक्टर की सलाह से ही करनी चाहिए क्योंकि ये शरीर में हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं।
क्या गोलियों से सच में वजन बढ़ता है?
कई महिलाएं मानती हैं कि गर्भनिरोधक गोलियों से वजन बढ़ता है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। कुछ महिलाओं में पानी का जमाव (water retention), हल्की सूजन या भूख में बदलाव हो सकता है, जिससे अस्थायी वजन बढ़ सकता है। परंतु दीर्घकालिक मोटापा इससे नहीं होता। यह प्रभाव हर महिला के शरीर पर अलग-अलग होता है। यदि किसी महिला को गोलियां लेने के बाद वजन में असमान्य वृद्धि हो रही है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए और विकल्प बदलने पर विचार करना चाहिए।
हार्मोनल बदलाव और उनके दुष्प्रभाव
बर्थ कंट्रोल पिल्स शरीर में हार्मोन का स्तर बदल देती हैं, जिससे सिरदर्द, मूड स्विंग्स, मतली, स्तनों में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि ये लक्षण अधिकतर मामलों में शुरुआती दिनों में होते हैं और बाद में सामान्य हो जाते हैं। अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो यह शरीर की प्रतिक्रिया का संकेत है और डॉक्टर की सलाह आवश्यक है। सही डोज और सही समय पर गोली लेने से साइड इफेक्ट्स को कम किया जा सकता है।
वजन बढ़ने के पीछे अन्य कारण भी होते हैं
कई बार महिलाओं को लगता है कि वजन बढ़ने का कारण सिर्फ गर्भनिरोधक गोलियां हैं, लेकिन असल में कई दूसरे कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे-तनाव, नींद की कमी, खानपान में असंतुलन, शारीरिक गतिविधियों की कमी या थायरॉइड जैसी समस्याएं। इसलिए यदि कोई महिला गर्भनिरोधक ले रही है और वजन बढ़ रहा है, तो यह जरूरी नहीं कि कारण केवल दवा ही हो। एक समग्र मूल्यांकन आवश्यक होता है।
कौन-सी महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती हैं?
हर महिला के शरीर की रचना और हार्मोनल बैलेंस अलग होता है। कुछ महिलाओं को हार्मोनल पिल्स की बहुत जल्दी आदत पड़ जाती है जबकि कुछ को इससे अधिक साइड इफेक्ट होते हैं। मोटे शरीर वाली महिलाओं, पीसीओडी (PCOD) या हार्मोनल डिसबैलेंस से पीड़ित महिलाओं में वजन बढ़ने की संभावना थोड़ी अधिक हो सकती है। ऐसे मामलों में डॉक्टर अक्सर हल्के डोज वाली या नॉन-हॉर्मोनल पिल्स की सलाह देते हैं।
गर्भनिरोधक के फायदे भी हैं
जहां एक ओर लोग इसके साइड इफेक्ट्स से चिंतित रहते हैं, वहीं इसके कई चिकित्सीय फायदे भी हैं। बर्थ कंट्रोल पिल्स से पीरियड्स नियमित होते हैं, माहवारी के दौरान दर्द कम होता है, त्वचा साफ हो सकती है और कुछ मामलों में एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। सही जानकारी और जागरूकता के साथ इन गोलियों का इस्तेमाल महिला स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है।
डॉक्टर की सलाह क्यों है जरूरी?
गर्भनिरोधक गोलियों को शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना अत्यंत जरूरी है। डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री, उम्र, वजन, हार्मोनल स्थिति आदि को देखकर सही प्रकार की गोली बता सकते हैं। खुद से शुरू की गई दवा गलत प्रभाव डाल सकती है। साथ ही डॉक्टर साइड इफेक्ट्स की स्थिति में विकल्प बदलने की सलाह भी दे सकते हैं। यह व्यक्तिगत और संवेदनशील निर्णय होता है जिसमें विशेषज्ञ मार्गदर्शन जरूरी है।
बर्थ कंट्रोल पिल्स लेते समय डाइट और लाइफस्टाइल का ध्यान रखें
अगर आप गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन कर रही हैं तो खानपान और जीवनशैली में संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। कुछ महिलाएं गोली लेने के बाद अधिक भूख महसूस करती हैं और बिना सोचे-समझे ज्यादा खाना खाने लगती हैं, जिससे वजन बढ़ सकता है। लेकिन यदि आप हेल्दी डाइट लें, नियमित व्यायाम करें और भरपूर नींद लें, तो न सिर्फ वजन नियंत्रित रहेगा बल्कि हार्मोनल संतुलन भी बेहतर होगा। हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीनयुक्त आहार को प्राथमिकता दें और तली-भुनी चीजों से बचें। जीवनशैली को संतुलित करने से गर्भनिरोधक गोलियों के संभावित दुष्प्रभाव भी कम महसूस होंगे।
कौन-सी महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों से बचें
हालांकि गर्भनिरोधक गोलियां अधिकतर महिलाओं के लिए सुरक्षित होती हैं, लेकिन कुछ खास परिस्थितियों में इनसे बचना चाहिए। उच्च रक्तचाप, हार्ट डिजीज, लिवर डिसऑर्डर, रक्तस्राव की समस्या या ब्रैस्ट कैंसर की पारिवारिक हिस्ट्री वाली महिलाओं को बिना चिकित्सकीय सलाह के ये गोलियां नहीं लेनी चाहिए। धूम्रपान करने वाली महिलाओं, खासकर 35 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इससे रक्तचाप और थ्रोम्बोसिस (ब्लड क्लॉट्स) का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, यदि आपकी कोई भी स्वास्थ्य स्थिति जटिल है तो गर्भनिरोधक पिल्स लेने से पहले पूरा मेडिकल चेकअप कराना आवश्यक है।
अन्य विकल्प भी हैं बर्थ कंट्रोल के लिए
अगर आप हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियों से परेशान हैं या इनके साइड इफेक्ट्स से बचना चाहती हैं, तो बाजार में कई अन्य सुरक्षित और प्रभावी विकल्प भी मौजूद हैं। इनमें कॉपर-टी (IUD), गर्भनिरोधक इंजेक्शन, इम्प्लांट्स, कंडोम, और प्राकृतिक विधियां शामिल हैं। कई महिलाएं नॉन-हॉर्मोनल विकल्पों को ज्यादा पसंद करती हैं, क्योंकि वे हार्मोनल असंतुलन नहीं लाते। साथ ही कुछ महिलाएं कैलेंडर मेथड या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान प्राकृतिक गर्भनिरोधक उपाय अपनाती हैं। हर विकल्प के फायदे और सीमाएं होती हैं, इसलिए सबसे उपयुक्त तरीका वही होगा जिसे आप अपनी सुविधा, स्वास्थ्य और जीवनशैली के अनुसार डॉक्टर की सलाह से चुनें।
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