E20 Fuel: केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद में कहा कि पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने से वाहनों पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है। उन्होंने बताया कि इस कदम से देश को अब तक लगभग 1.40 लाख करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। साथ ही, किसानों को गन्ना और मक्का जैसे कच्चे माल की आपूर्ति से लगभग 40,000 करोड़ रुपए का लाभ मिला है।
गडकरी ने कहा कि ई20 पेट्रोल की शुरुआत स्वच्छ और हरित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल न केवल प्रदूषण को कम करता है बल्कि महंगे ईंधन आयात पर निर्भरता भी घटाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 1 अप्रैल, 2023 से पहले बेचे गए वाहन ई10 ईंधन के अनुकूल हैं, जबकि इसके बाद बेचे गए वाहन ई20 मानकों के अनुरूप हैं।
मंत्री ने यह भी कहा कि वाहन निर्माताओं की जिम्मेदारी है कि वे यह घोषित करें कि कोई मॉडल ई20 ईंधन के अनुकूल है या नहीं। इसके लिए वाहनों पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाले स्टिकर लगाए जाने चाहिए। गडकरी ने बताया कि बीआईएस विनिर्देशों और ऑटोमोटिव उद्योग मानकों के माध्यम से ई20 ईंधन के लिए सुरक्षा मानदंड स्थापित किए गए हैं। परीक्षणों से यह साबित हुआ है कि वाहनों के चलने, स्टार्ट होने या धातु और प्लास्टिक घटकों की अनुकूलता में कोई समस्या नहीं है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने या उनमें संशोधन करने की कोई आवश्यकता नहीं है। एआरएआई, आईओसीएल और सियाम द्वारा किए गए अध्ययन से यह पुष्टि हुई है कि इथेनॉल-मिश्रित ईंधन से होने वाली सामान्य टूट-फूट को नियमित सर्विसिंग के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है और किसी विशेष रेट्रोफिटिंग कार्यक्रम की जरूरत नहीं है।
गडकरी ने कहा कि यह नीति किसानों, पर्यावरण और देश की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी साबित हो रही है।
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