ED Action: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मध्य प्रदेश में कथित फर्जी शराब चालान घोटाले का बड़ा पर्दाफाश किया है। एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत ₹70 करोड़ मूल्य की अचल संपत्तियां जब्त की हैं। ईडी ने बताया कि इंदौर, मंदसौर और खरगोन जिलों में स्थित कुल 28 संपत्तियों को अटैच किया गया है।
यह मामला राज्य के कुछ शराब ठेकेदारों द्वारा अपनाए गए विशेष तरीके से जुड़ा है, जिसके जरिए उन्होंने सरकारी राजकोष को भारी नुकसान पहुँचाया और अवैध लाभ कमाया। ईडी (ED) के अनुसार, आरोपी ठेकेदार बैंक में मामूली राशि के चालान जमा करते थे, लेकिन चालान के शब्दों में राशि वाला खंड खाली छोड़ देते थे। बाद में चालान की प्रति में अंकों और शब्दों दोनों में बढ़ी हुई राशि भर दी जाती थी।
इन हेरफेर किए गए चालान प्रतियों को उत्पाद शुल्क, लाइसेंस शुल्क और न्यूनतम गारंटी भुगतान के झूठे प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया गया। इसी आधार पर आरोपियों ने अवैध अनापत्ति प्रमाण पत्र और शराब लाइसेंस प्राप्त किए। इस धोखाधड़ी से राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।
ईडी (ED) ने बताया कि इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच की जड़ इंदौर पुलिस के रावजी थाना क्षेत्र में दर्ज एक एफआईआर से जुड़ी है। एजेंसी ने कहा कि यह कार्रवाई शराब ठेकेदारों के संगठित नेटवर्क को उजागर करती है और आगे की जांच जारी है।
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