Election Commission: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची का विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) अब 26 दिसंबर 2025 तक जारी रहेगा। पहले इसकी अंतिम तिथि 11 दिसंबर तय की गई थी, लेकिन प्रक्रिया को सही ढंग से पूरा करने और शुद्ध मतदाता सूची तैयार करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने 15 दिनों का अतिरिक्त समय दिया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि अतिरिक्त समय की मांग इसलिए की गई थी ताकि जिला निर्वाचन अधिकारी मृतक, शिफ्टेड और अनुपस्थित मतदाताओं का पुनः सत्यापन कर सकें।
संशोधित कार्यक्रम के अनुसार मतदाता सूची का प्रकाशन 31 दिसंबर 2025 को होगा। दावे और आपत्तियां 31 दिसंबर से 30 जनवरी 2026 तक स्वीकार की जाएंगी। इसके बाद 31 दिसंबर से 21 फरवरी 2026 तक गणना प्रपत्रों पर निर्णय और दावों-आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 28 फरवरी 2026 को किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 99.24 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है। इनमें से 18.85 प्रतिशत प्रपत्र असंग्रहित श्रेणी में पाए गए हैं, जिनमें मृतक, स्थायी रूप से स्थानांतरित, अनुपस्थित और दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाता शामिल हैं। वहीं, 80.29 प्रतिशत गणना प्रपत्र मतदाताओं या उनके परिवार के हस्ताक्षर के साथ वापस प्राप्त हो चुके हैं।
अब तक प्राप्त गणना प्रपत्रों की वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मैपिंग का कार्य 76 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। जिन मतदाताओं का नाम वर्ष 2025 की सूची में नहीं है, उनसे फॉर्म-6 भरवाया जाएगा। साथ ही, 1 जनवरी 2026 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवाओं को भी फॉर्म-6 भरकर सूची में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश के 14 जनपदों, 132 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों और 1,43,509 मतदेय स्थलों में गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन कार्य पूर्ण हो चुका है। निर्वाचन आयोग का यह कदम मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
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