Evening donation astrology rules: भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का प्रभाव हमारी दैनिक गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। हर ग्रह एक विशेष तत्व या वस्तु से जुड़ा होता है। जैसे-शुक्र ग्रह का संबंध दही से और गुरु ग्रह का संबंध हल्दी से होता है। ऐसी मान्यता है कि यदि इन वस्तुओं का गलत समय पर दान किया जाए, तो ग्रहों की ऊर्जा बाधित हो सकती है। विशेष रूप से शाम के समय इनका दान वर्जित माना गया है। आइए, विस्तार से जानें इसके पीछे छिपे ज्योतिषीय और आध्यात्मिक कारण।
दही और शुक्र ग्रह का गहरा संबंध
शुक्र ग्रह जीवन में सुख, वैभव, प्रेम और भौतिक संपन्नता का प्रतीक है। दही को शुक्र ग्रह की वस्तु माना गया है। यदि इसे उचित समय पर सेवन या दान किया जाए, तो यह शुक्र को बल देता है। लेकिन यदि आप शाम के समय विशेष रूप से सूर्यास्त के बाद दही का दान करते हैं, तो यह शुक्र की ऊर्जा को कमजोर कर सकता है। इससे वैवाहिक जीवन में कलह, धन की कमी और मानसिक अस्थिरता आ सकती है। इसलिए शुक्रवार को सूर्यास्त के बाद दही का दान बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
शुक्रवार को सूर्यास्त के बाद दही दान क्यों वर्जित है?
ज्योतिष में शुक्रवार का दिन शुक्र ग्रह के पूजन और शक्तिवर्धन के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। लेकिन इसी दिन सूर्यास्त के बाद दही दान करना एक गंभीर ज्योतिषीय दोष माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस समय शुक्र ग्रह “अस्त” स्थिति में होते हैं, और उनकी ऊर्जा ग्रहणशील होती है। ऐसे में दही जैसे तत्व का दान उन्हें कमजोर कर सकता है। इससे घर में सुख-शांति की कमी, वैभव में बाधा और दाम्पत्य जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
हल्दी और गुरु ग्रह का संबंध
हल्दी का संबंध गुरु ग्रह (बृहस्पति) से है, जो ज्ञान, धर्म, शिक्षा, संतान और जीवन के आध्यात्मिक पक्षों का प्रतिनिधित्व करता है। हल्दी को पवित्रता का प्रतीक माना गया है और इसका उपयोग विवाह से लेकर पूजन तक होता है। यदि आप इसे दिन के समय में किसी शुभ कार्य में अर्पित करें तो यह गुरु को प्रसन्न करता है। लेकिन शाम के समय हल्दी का दान करने से गुरु ग्रह कमजोर पड़ सकता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में शिक्षा, निर्णय क्षमता और धार्मिक सोच में गिरावट देखी जा सकती है।
शाम को हल्दी दान करने से क्या हो सकते हैं दुष्परिणाम?
शाम का समय ऊर्जा के अवसान का समय माना गया है। इस समय दान और पूजा-पाठ में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। हल्दी जैसे पवित्र तत्व का दान यदि इस समय किया जाए, तो यह गुरु ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा को अवरुद्ध कर सकता है। इससे परिवार में शिक्षा का ह्रास, संतान से मतभेद, आध्यात्मिक विचलन और निर्णय में भ्रम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए हल्दी का दान हमेशा प्रातः या मध्यान्ह काल में ही करना श्रेष्ठ माना गया है।
सही समय और विधि से करें दान तो मिलते हैं शुभ फल
दान करना भारतीय संस्कृति में पुण्य कर्म माना गया है, लेकिन इसका समय, विधि और भावना अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। दही और हल्दी जैसे विशेष ग्रहों से जुड़ी वस्तुओं का दान अगर शुभ मुहूर्त और सही दिनचर्या में किया जाए, तो यह ग्रहों की अनुकूलता को बढ़ाता है।
हमेशा ध्यान रखें: दही का दान सुबह या दोपहर में करें। हल्दी का दान भी प्रातःकाल उत्तम होता है। शुक्रवार और गुरुवार को विशेष सावधानी रखें। इस प्रकार सजगता से किया गया दान न केवल पुण्यदायी होता है, बल्कि जीवन को समृद्ध भी बनाता है।
शुक्र ग्रह के शांति मंत्र (Venus Mantra for Peace)
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः॥
Om Draam Dreem Droum Sah Shukraaya Namah
मंत्र लाभ: यह मंत्र शुक्र ग्रह को शांत करता है। इसके नियमित जाप से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है, सौंदर्य, कला, प्रेम और भौतिक सुख-सुविधाएं बढ़ती हैं।
जप विधि: शुक्रवार को प्रातः स्नान करके सफेद वस्त्र धारण करें। एक सफेद आसन पर बैठकर 108 बार इस मंत्र का जाप करें। सफेद पुष्प व चंदन अर्पित करें।
गुरु ग्रह के शांति मंत्र (Jupiter Mantra for Peace)
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः॥
Om Graam Greem Groum Sah Gurave Namah
मंत्र लाभ: गुरु ग्रह जीवन में ज्ञान, धर्म, संतान सुख और शुभ निर्णयों के लिए उत्तरदायी होता है। यह मंत्र गुरु को बल देता है और कष्टों को दूर करता है।
जप विधि: गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। हल्दी का तिलक लगाकर 108 बार इस मंत्र का जाप करें। पीले फूल व चने की दाल अर्पित करें।
विशेष सलाह: इन मंत्रों का जाप एकाग्र मन, श्रद्धा और नियत समय पर नियमित रूप से करें। साथ में गलत समय पर दान करने से बचें और शुभ काल में दान करें-तभी ग्रह शांति पूर्ण रूप से फलदायी होगी।
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