प्रयागराज। पंडित गोविन्द वल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान झूंसी प्रयागराज में मिलेट्स रेसिपी विकास एवं उपभोक्ता जागरुकता कार्यक्रम त्वरित मक्का विकास योजनान्तर्गत वर्कशाप सेमिनार खरीफ तिलहन गोष्ठी-2024 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ फाफामऊ विधायक गुरु प्रसाद मौर्य ने किया। एसपी श्रीवास्तव, उप कृषि निदेशक, प्रयागराज द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया गया कि श्री अन्न के महत्व को देखते हुए वर्ष 2023 में अन्तर्राष्टीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया था। बदलती जलवायु चुनौतियों का मुकाबला करने के लिये श्री अन्न की खेती फायदेमन्द हैं, क्योंकि ये सूखा बाढ़ जैसी परिस्थितियों में भी उग जाती है। किसान भाईयों को स्वीट कार्न, बेबी कार्न एवं पाप कार्न की खेती कर लाभ लेना चाहिए, क्योंकि मक्का एक ऐसी फसल है जोकि सभी सीजन में उगायी जा सकती है।
डॉ. मदनसेन सिंह वैज्ञानिक, शुआट्स नैनी, प्रयागराज द्वारा बताया गया कि मिट्टी का स्वास्थ्य खराब होने के कारण फसलों में पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मौजूद नहीं हैं, जिससे जनमानस की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटी है, इसका समाधान सिर्फ श्री अन्न का सेवन है। श्री अन्न कम समय में कम पानी में उगने वाली फसल है। वर्तमान समय में रासायनिक खाद का प्रयोग करने से मिट्टी कमजोर हो गयी है इसलिये खेतों में सड़ी हुई गोबर की खाद का प्रयोग करने से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी तथा भूमि शोधन एवं बीज शोधन करने से आपकी फसल रोगमुक्त तथा मिट्टी का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा एवं उत्पादन भी अच्छा होगा। कृषकों को अधिक उत्पादन करने के लिये वैज्ञानिक ढंग से खेती करने की अवश्यकता पर बल दिया गया। वहीं डॉ. योगेश श्रीवास्तव ने श्री अन्न की खेती पर बल देते हुए कम लागत में अधिकतम लाभदायक फसल बताया।
विधायक गुरू प्रसाद मौर्य ने बताया कि कृषक देश की रीढ़ की हड्डी की तरह है। यदि रीढ़ कमजोर होगी तो हमारा देश कमजोर होगा। किसान भाई श्री अन्न की खेती करके न केवल अपना स्वास्थ्य सही कर सकते हैं, बल्कि एक मजबूत देश बनाने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत, सशक्त भारत, निपुण भारत का संकल्प लिया है जो बिना किसानों की भागीदारी के पूरा नहीं हो सकता है। इसलिये किसान भाई ज्यादा से ज्यादा श्री अन्न की खेती कर प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करें।
कुलभाष्कर आश्रम डिग्री कॉलेज से आये डॉ. मनीष कुमार सिंह कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि देश में डायबिटीज रोगियों की संख्या बढ़ गयी है, उसका कारण है कि हम चावल गेहूॅं से ग्लूकोज के रुप में तुरन्त ऊर्जा पाते हैं इससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है, वहीं दूसरी ओर श्री अन्न की फसलें ग्लूकोज को धीरे-धीरे ऊर्जा के रुप में परिवर्तित करती हैं। सरसों की पंक्तिवार बुवाई करके प्रति इकाई क्षेत्रफल से प्रति इकाई समय में अधिकतम उत्पादन लेने की बात बतायी गयी।
किशोर कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी, प्रयागराज ने बताया गया कि श्री अन्न के प्रचार-प्रसार एवं खेती हेतु इस वित्तीय वर्ष में पीओएस मशीन के माध्यम से पूरे जनपद में निःशुल्क श्री अन्न का मिनि किट वितरित किया गया। किसानों भाईयों से अपील किया कि श्री अन्न की खेती कर लोकप्रिय बनायें। वर्तमान सीजन में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि गोष्ठी की सार्थकता तब है यहाॅं से प्राप्त ज्ञान को कृषक उसको जमीनी स्तर पर उतारे। अन्त में डॉ. मुकेश कुमार, जिला रक्षा कृषि अधिकारी, प्रयागराज द्वारा उपस्थित सभी अगन्तुकों का अभार व्यक्त किया गया।
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