Hypervitaminosis: शरीर में विटामिन्स की मात्रा अधिक होने के नुकसान हो सकते हैं, जिन्हें Hypervitaminosis कहते हैं। प्रत्येक विटामिन के अत्यधिक सेवन से अलग-अलग समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यहां प्रमुख विटामिन्स के अत्यधिक सेवन से होने वाले नुकसान बताए गए हैं।
विटामिन-ए
सिरदर्द, चक्कर आना, धुंधला दिखना, बाल झड़ना, त्वचा पर रूखापन और खुजली, हड्डियों में दर्द। लीवर डैमेज, जन्म दोष (प्रेगनेंट महिलाओं में), हड्डियों का कमजोर होना।
विटामिन-डी
उल्टी, भूख में कमी, कब्ज या दस्त, कमजोरी, वजन घटाना। कैल्शियम का अत्यधिक संचय, जिससे हड्डियों में दर्द, किडनी स्टोन, और किडनी फेलियर हो सकता है।
विटामिन-ई
मांसपेशियों में कमजोरी, थकान, मतली। रक्त पतला होना, जिससे खून बहने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर सर्जरी या चोट के बाद।
विटामिन-के
इस विटामिन की अधिकता से खून का थक्का जमने की क्षमता बढ़ जाती है, जिससे रक्त वाहिकाओं में थक्का जम सकता है। इससे हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
विटामिन-सी
पेट में ऐंठन, दस्त, मतली। गुर्दे में पथरी, शरीर में आयरन का अत्यधिक अवशोषण।
विटामिन-बी6
हाथ-पैर में झुनझुनी, चलने में दिक्कत। नसों का नुकसान और तंत्रिका तंत्र को नुकसान। लंबे समय तक न्यूरोलॉजिकल समस्याएं।
विटामिन-बी3
त्वचा पर लाल चकत्ते, पाचन तंत्र में समस्याएं, और लिवर डैमेज। ग्लूकोज नियंत्रण में कठिनाई, विशेषकर मधुमेह के रोगियों में।
विटामिन-बी9 (फोलेट)
भूख में कमी, पेट फूलना, और गैस। विटामिन B12 की कमी को छिपा सकता है, जिससे तंत्रिका तंत्र को नुकसान हो सकता है।
विटामिन की सही मात्रा शरीर के लिए आवश्यक होती है, लेकिन अति सेवन से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। किसी भी सप्लीमेंट को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब आप अन्य दवाइयां ले रहे हों या किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रसित हों। संतुलित आहार और नियमित स्वास्थ्य जांच से हाइपरविटामिनोसिस के जोखिम को कम किया जा सकता है।
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