Industrial Growth: भारत 2047 तक वैश्विक औद्योगिक महाशक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। गुरुवार को जारी बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) और जेड47 की संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी वर्तमान के लगभग 17% से बढ़कर 25% तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा, ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रिक वाहन, ऊर्जा तथा फार्मास्यूटिकल्स-ये पांच प्रमुख क्षेत्र 2047 तक 25 ट्रिलियन डॉलर के औद्योगिक अवसर का आधार बन सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर सेक्टर तेजी से विस्तार कर रहा है। भारत की सेमीकंडक्टर मांग 2022 में 33 अरब डॉलर थी, जो 2030 तक 117 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
मोबाइल निर्माण में भी भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है। वित्त वर्ष 2014-15 में जहां केवल 26% मोबाइल फोन देश में निर्मित होते थे, वहीं अब यह आंकड़ा 99% तक पहुंच गया है। यह बदलाव प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजनाओं की सफलता को दर्शाता है।
बीसीजी के मैनेजिंग डायरेक्टर और पार्टनर ईशांग जावा ने कहा कि यह केवल आकार बढ़ाने का मामला नहीं है, बल्कि रणनीतिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत अब केवल असेंबलिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि डिजाइन, नवाचार और वैश्विक वैल्यू चेन में अहम भूमिका निभा रहा है।
रिपोर्ट में नोएडा, चेन्नई, होसुर और धोलेरा जैसे प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स का उल्लेख किया गया है, जिन्होंने उत्पादन और निवेश को बढ़ावा दिया है। साथ ही भारत ने अपनी नॉन-फॉसिल ऊर्जा क्षमता को तय लक्ष्य से पांच वर्ष पहले ही 50% तक पहुंचा लिया है।
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