Lightning: आकाशीय बिजली यानी लाइटनिंग बेहद शक्तिशाली प्राकृतिक घटना है। इसमें करीब 100 करोड़ से 1000 करोड़ वॉट (1–10 बिलियन वॉट) तक की ऊर्जा हो सकती है। बिजली गिरने के दौरान लगभग 30,000°C तक तापमान पैदा होता है, जो सूरज की सतह से भी कई गुना ज्यादा गर्म होता है। इससे हवा में तुरंत प्रेशर चेंज होता है, जो कड़कड़ाहट की आवाज बनाता है। इस जबरदस्त ऊर्जा का कुछ हिस्सा रोशनी (लाइट) और आवाज में बदलता है, जबकि बड़ा हिस्सा जमीन पर करंट के रूप में उतरता है, जो जानलेवा होता है।
जमीन पर गिरने के बाद क्यों हो जाती है जानलेवा?
जब आकाशीय बिजली (Lightning) जमीन पर गिरती है, तो उसमें से करीब 30,000–50,000 एम्पीयर तक करंट निकल सकता है। इतना शक्तिशाली करंट अगर किसी इंसान, जानवर या पेड़ के संपर्क में आए, तो वह गंभीर चोट या तुरंत मौत का कारण बन सकता है। जमीन पर गिरने के बाद बिजली फैलती है और आसपास के लोगों या चीजों को प्रभावित कर सकती है। इसका असर सिर्फ सीधे टकराने से नहीं, बल्कि जमीन में करंट के फैलने (Ground Current) और साइड फ्लैश के जरिए भी होता है। इसलिए यह बेहद खतरनाक है।
आकाशीय बिजली के खतरनाक असर
बिजली गिरने से दिल की धड़कन रुक सकती है, दिमाग की नसें जल सकती हैं, अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंच सकता है और शरीर पर गंभीर जलन के निशान (Lichtenberg Figures) बन सकते हैं। कई बार लोग बच भी जाए, तब भी सुनने में कमी, याद्दाश्त की समस्या या मानसिक आघात (PTSD) जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इतना ताकतवर करंट शरीर के इलेक्ट्रिकल सिस्टम को डिस्टर्ब कर देता है, जिससे जीवन पर खतरा बढ़ जाता है।
बारिश और बिजली के दौरान कहां रहें सुरक्षित?
बारिश के दौरान खुले मैदान, पेड़ के नीचे, पानी में, धातु की चीजों के पास या ऊँचाई वाली जगहों पर खड़े न रहें। सबसे सुरक्षित जगह पक्की छत वाला घर या कार है। घर के अंदर भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, तार या नल के पाइप छूने से बचें, क्योंकि बिजली इनसे होकर भी असर कर सकती है। बालकनी, छत या खुले बरामदे में खड़े न हों और मोबाइल चार्जिंग से दूर रहें।
बिजली गिरने से बचाव के उपाय
आसमान में बिजली (Lightning) चमकते ही तुरंत सुरक्षित जगह पर जाएं। मौसम विभाग की चेतावनी पर ध्यान दें। मोबाइल ऐप या मौसम रेडियो का इस्तेमाल करें। लाइटनिंग रॉड का इस्तेमाल घर या इमारत की सुरक्षा के लिए करें। खेतों में काम कर रहे हैं, तो तुरंत किसी पक्के शेड या घर में जाएं। अपने इलाके में पेड़ों, टावर या पानी के बड़े सोर्स से दूरी बनाए रखें।
लाइटनिंग रॉड क्या है और कैसे काम करता है?
लाइटनिंग रॉड एक धातु की छड़ होती है, जो इमारत की सबसे ऊँची जगह पर लगाई जाती है। यह बिजली को सीधे जमीन में भेजने का रास्ता बनाती है, जिससे इमारत और अंदर मौजूद लोग सुरक्षित रहते हैं। ये रॉड बिजली के हमले को अपनी तरफ खींचकर, उससे निकलने वाले करंट को सीधे जमीन में उतारते हैं। इससे आस-पास के हिस्सों में करंट नहीं फैलता और नुकसान कम होता है।
आकाशीय बिजली से बचाव के लिए जागरूकता
ग्रामीण इलाकों और बच्चों में इस विषय पर जागरूकता फैलाना जरूरी है। स्कूलों में लाइटनिंग सेफ्टी पर पढ़ाई होनी चाहिए। लोगों को बताना चाहिए कि बारिश के मौसम में छत पर सोना, मोबाइल पर बात करना या तालाब में नहाना कितना खतरनाक हो सकता है। कुछ मिनट की सावधानी जान बचा सकती है। सुरक्षा नियमों का पालन कर हम आकाशीय बिजली के खतरों को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
आकाशीय बिजली के विज्ञान को समझें
आकाशीय बिजली (Lightning) का कारण बादलों के भीतर और जमीन के बीच बनने वाला बहुत बड़ा विद्युत आवेश (Electrostatic Charge) होता है। बादलों में ऊपर की तरफ बर्फ के कण और नीचे की तरफ पानी की बूंदें आपस में टकराती हैं, जिससे इलेक्ट्रिक चार्ज बनता है। जब यह चार्ज बहुत ज्यादा हो जाता है, तब यह जमीन या दूसरे बादलों की ओर डिस्चार्ज होता है, जिसे हम बिजली गिरने के रूप में देखते हैं। यह प्राकृतिक प्रक्रिया दिखने में तो सुंदर होती है, लेकिन इसमें अपार ऊर्जा होती है। इसे समझने और वैज्ञानिक तौर पर उसका सम्मान करने से हम ज्यादा सतर्क हो सकते हैं।
खेतों में काम करने वालों के लिए सावधानियाँ
कृषि कार्य करते समय अक्सर किसान खुले मैदान में होते हैं, जिससे बिजली गिरने (Lightning) का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। बारिश के मौसम में अगर आसमान में बिजली चमके या बादलों की गरज सुनाई दे, तो तुरंत खेत छोड़ दें और पक्के घर या शेड में शरण लें। गीली मिट्टी और धातु के औजार करंट को तेजी से खींच सकते हैं, इसलिए इन्हें भी तुरंत छोड़ दें। अगर नजदीक कोई सुरक्षित जगह नहीं है, तो जमीन पर सीधा लेटने की बजाय उकड़ू बैठें, दोनों पैरों को एक साथ रखें और हाथ से कान ढक लें। इससे बिजली का असर कम होता है।
बिजली गिरने के बाद क्या करें?
अगर किसी व्यक्ति पर बिजली गिर जाए, तो सबसे पहले घबराएं नहीं और तुरंत मदद पहुंचाएं। व्यक्ति को तुरंत सुरक्षित जगह पर लाएं और उसके सांस लेने और दिल की धड़कन की जांच करें। अगर सांस या धड़कन बंद है, तो तुरंत CPR दें और एम्बुलेंस को कॉल करें। बिजली गिरने के बाद शरीर पर जलन के निशान या चोटें भी हो सकती हैं, इसलिए प्राथमिक चिकित्सा दें लेकिन पानी से न धोएं। याद रखें, बिजली गिरने के बाद शरीर में करंट नहीं रहता, इसलिए उसे छूने में डरें नहीं। तुरंत मेडिकल मदद मिलने से जान बच सकती है।
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