Monday, August 4, 2025

Method of preparing jelly: सही फलों का करें चयन, बनाने के लिए आवश्‍यक सामग्री, ध्‍यान देने योग्‍य बातें

Method of preparing jelly: जेली बनाने के लिए पेक्‍ट‍िन युक्‍त फलों जैसे-अमरूद, करौंदा, खट्टा सेब, कैथा, बेर, पपीता, नाशपाती आद‍ि फलों को उबालकर रस निकालते हैं. निकाले गये रस को शक्‍कर व अम्‍ल के साथ पकाने के बाद जमें हुए अर्धठोस पारदर्शक उत्‍पाद को जेली कहते हैं. अच्‍छी जेली में शक्‍कर, अम्‍ल एवं पेक्‍ट‍िन एक न‍िश्‍च‍ित अनुपात में होना चाह‍िए.

कैसी होनी चाह‍िए अच्‍छी जेली

  • देखेने में पारदर्शक व चमकीली होनी चाह‍िए.
  • बोतल के उलटने पर जेली बहे नहीं.
  • स्‍पर्श करने पर च‍िपके नहीं.
  • चम्‍मच से काटने पर सुगमता पूर्वक कट जाये। काटे गये किनारे वैसे ही बने रहें.

जेली का बनाना पेक्‍ट‍िन, अम्‍ल तथा चीनी की मात्रा पर निर्भर है. यद‍ि इनकी मात्रा का सही संतुलन नहीं होगा तो अच्‍छी जेली तैयार नहीं होगी.

  • रस में पेक्‍ट‍िन की मात्रा कम तथा अम्‍ल की मात्रा अपेक्षाकृत अनुपात में अध‍िक होगी तो बहती हुई जेली तैयार होगी.
  • रस में पेक्‍ट‍िन की मात्रा अध‍िक और चीनी की मात्रा कम होगी तो जेली कड़ी तैयार होगी.
  • रस में यद‍ि पेक्‍ट‍िन की मात्रा से चीनी की मात्रा अनुपात में अध‍िक होगी तो जेली जमेगी नहीं. इसल‍िए रस के अंदर उपर्युक्‍त पदार्थों का सही अनुपात में होना आवश्‍यक है.

जेली तैयार करने की विध‍ि 

  • फलों का चयन करना: पेक्‍ट‍िन युक्‍त फल लेने चाह‍िए। फल सड़े-गले या कटे नहीं बल्‍क‍ि ताजे और अधपके होने चाह‍िए.
  •  फलों को साफ करना: फलों को साफ पानी से अच्‍छी तरह धो लेना चाह‍िए.
  • फलों को काटना: फलों को स्‍टील के चाकू से छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेना चाह‍िए.
  • फलों को गर्म करना: कटे हुए फलों को स्‍टील के भगौने में रखकर इतना पानी डालें क‍ि फल पूरी तरह डूब जायें फ‍िर 30 म‍िनट तक उबालते है. उबालते समय प्रत‍ि क‍िग्रा फल के ह‍िसाब से 2 ग्राम साइट्र‍िक अम्‍ल म‍िलाते हैं, ज‍िससे फल से पेक्‍ट‍िन शीघ्र न‍िकल सके. उबले फल को छान लेते हैं. छानते समय ध्‍यान रखते हैं क‍ि रस में छ‍िलके या फल का टुकड़ा नहीं हो. अब पेक्‍ट‍िन युक्‍त रस में बराबर मात्रा में चीनी डालते हैं और मध्‍यम आंच पर उबालते हैं. खौलते समय जब बर्तन की पेंदी में बड़े-बड़े बुलबुले ऊपर उठने लगे तो समझना चाह‍िए क‍ि जेली बनकर तैयार है. इसका परीक्षण करने के लिए एक चम्‍मच जेली एक ग्‍लास पानी में डालते हैं. यद‍ि यह जेली जम जाय तो समझते हैं क‍ि जेली तैयार हो गई है और उसे आंच से उतार लेते हैं. अब तैयार जेली को गर्म अवस्‍था में ही जीवाणु रह‍ित चौड़ी बोतल में भर देते हैं और 24 घंटे बाद मोम को प‍िघलाकर जेली के ऊपर डाल देते हैं और ढक्‍कन बंद करके सली कर सुरक्ष‍ित स्‍थान पर रख देते हैं. जेली में म‍िठास की मात्रा 6.5 प्रत‍िशत होती है.

जेली बनाने के लिए आवश्‍यक सामग्री

  • फल-एक किग्रा
  • चीनी-पेक्‍ट‍िन के अनुसार .75 किग्रा
  • पानी-1.5 लीटर
  • साइट्र‍िक अम्‍ल- 2 ग्राम

जेली बनाने में ध्‍यान देने योग्‍य बातें 

फलों के स्‍वच्‍छ रस से तैयार की गयी हो तथा ज‍िस फल से तैयार की गयी हो उसकी सुगंध उसमें होनी चाह‍िए. कुल विलेय ठोस 65 प्रत‍िशत होनी चाह‍िए. जेली देखेन में चमकदार, आकर्षक एवं अर्द्धपारदर्शक होनी चाह‍िए. जेली में अम्‍लता 0.75 प्रत‍ि शत होनी चाह‍िए. हाथ में लेने पर या चम्‍मच से उठाने पर चिपकनी नहीं चाह‍िए. जेली में फलों का गूदा नहीं आना चाह‍िए. जेली पेक्‍ट‍िन युक्‍त फलों से ही बन सकती है।

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