Natural ways to reduce body smell: गर्मियों के मौसम में शरीर से आने वाली दुर्गंध एक आम लेकिन परेशान करने वाली समस्या है। यह न केवल सामाजिक असहजता पैदा करती है, बल्कि आत्मविश्वास को भी प्रभावित करती है। कई खास मौकों पर ये दुर्गंध लोगों से दूरी बनाने पर मजबूर कर देती है। आइए जानते हैं इसके प्रमुख कारण और समाधान।
अधिक पसीना और बैक्टीरिया की क्रिया
गर्मी में शरीर से अधिक पसीना निकलता है, जो स्वाभाविक है। लेकिन जब यह पसीना शरीर पर मौजूद बैक्टीरिया के संपर्क में आता है, तो वह दुर्गंध पैदा करता है। दरअसल, पसीना खुद में बदबूदार नहीं होता, लेकिन बैक्टीरिया इसके संपर्क में आकर अम्लीय यौगिक उत्पन्न करते हैं, जिससे तेज गंध आती है। विशेष रूप से अंडरआर्म्स, गर्दन और पैरों में यह समस्या ज्यादा होती है। साफ-सफाई पर ध्यान देना और बैक्टीरिया को नियंत्रित करना इस दुर्गंध को कम कर सकता है।
शरीर की सफाई में लापरवाही
हर दिन स्नान न करना या नहाने में लापरवाही करना शरीर में पसीने और धूल की परत जमा कर देता है, जिससे दुर्गंध बढ़ जाती है। शरीर को स्वच्छ रखना और साबुन या एंटीबैक्टीरियल बॉडी वॉश का उपयोग करना जरूरी है। विशेष ध्यान उन हिस्सों पर दें जहाँ पसीना अधिक आता है जैसे कि अंडरआर्म्स, पीठ, गर्दन और पैरों की उंगलियाँ। गर्मियों में दिन में दो बार स्नान करना एक अच्छा उपाय हो सकता है।
खराब खानपान और पानी की कमी
यदि आप अधिक मसालेदार, तैलीय भोजन करते हैं और पानी कम पीते हैं, तो यह भी दुर्गंध का कारण बनता है। शरीर में जब टॉक्सिन्स जमा होते हैं और पर्याप्त पानी नहीं मिलता, तो यह पसीने के जरिए बाहर निकलते हैं और बदबू पैदा करते हैं। गर्मियों में हल्का, फाइबर युक्त भोजन लें और दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं। हर्बल चाय या नारियल पानी जैसे प्राकृतिक ड्रिंक भी शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक होते हैं।
सिंथेटिक कपड़े पहनना
गर्मी में टाइट और सिंथेटिक कपड़े पहनने से पसीना शरीर में फंस जाता है, जिससे गंध और बैक्टीरियल ग्रोथ की संभावना बढ़ जाती है। इसके बजाय ढीले, सूती और सांस लेने वाले कपड़े पहनना चाहिए जो पसीने को सोख लें और शरीर को शुष्क रखें। खासकर अंडरगारमेंट्स का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह कॉटन के हों और अच्छी तरह फिट हों।
प्राकृतिक और घरेलू उपाय अपनाना
नींबू, गुलाबजल, एलोवेरा जेल, बेकिंग सोडा और नारियल तेल जैसे प्राकृतिक उत्पाद शरीर की दुर्गंध को कम करने में बेहद असरदार हैं। आप नहाने के पानी में नींबू का रस या गुलाब जल मिला सकते हैं। बेकिंग सोडा को अंडरआर्म्स पर लगाने से बैक्टीरिया मरते हैं और गंध कम होती है। इसके अलावा, एलोवेरा जेल को नहाने के बाद लगाना त्वचा को ठंडक और ताजगी देता है।
आयुर्वेदिक और पारंपरिक उपाय: गर्मी में बदबू को जड़ से खत्म करें
शरीर से आने वाली दुर्गंध को केवल साबुन या डियोड्रेंट से नहीं, बल्कि अंदरूनी शुद्धिकरण और आयुर्वेदिक संतुलन से नियंत्रित किया जा सकता है। आयुर्वेद शरीर के दोषों-वात, पित्त और कफ-के संतुलन को मूल मानता है, और पसीने की दुर्गंध मुख्यतः पित्त और कफ दोष के असंतुलन से होती है।
त्रिफला चूर्ण का सेवन करें
कैसे मदद करता है: त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला) शरीर को अंदर से डिटॉक्स करता है, जिससे टॉक्सिन्स कम होते हैं और पसीने की गंध भी घटती है।
कैसे उपयोग करें: रोज रात को सोने से पहले आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें। इससे पाचन सुधरेगा और शरीर की अंदरूनी सफाई होगी।
नीम की पत्तियों का प्रयोग
कैसे मदद करता है: नीम एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर होता है, जो त्वचा पर पसीने से पैदा होने वाले बैक्टीरिया को खत्म करता है।
कैसे उपयोग करें: नीम की पत्तियों को उबालकर उस पानी से नहाएं। नीम पाउडर को गुलाबजल के साथ मिलाकर अंडरआर्म्स में लगाएं और 10 मिनट बाद धो लें।
गुलाबजल और चंदन पाउडर का लेप
कैसे मदद करता है: गुलाबजल ठंडक देता है और चंदन की खुशबू शरीर से दुर्गंध दूर करती है। साथ ही यह त्वचा को शीतल और तरोताजा रखता है।
कैसे उपयोग करें: एक चम्मच चंदन पाउडर में दो चम्मच गुलाबजल मिलाकर लेप बनाएं। इसे अंडरआर्म्स, गर्दन और पीठ पर लगाएं। 15 मिनट बाद धो लें।
बेलपत्र और तुलसी का मिश्रण
कैसे मदद करता है: ये दोनों जड़ी-बूटियाँ शरीर के पाचन और मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करती हैं, जिससे पसीने की दुर्गंध कम होती है।
कैसे उपयोग करें: तुलसी और बेलपत्र की कुछ पत्तियाँ लेकर पानी में उबालें। इसे छानकर पीएं या स्नान के जल में मिलाएं।
एलोवेरा और कपूर का घरेलू डिओडरेंट
कैसे मदद करता है: एलोवेरा त्वचा को ठंडक देता है और कपूर जीवाणुरोधी गुणों से बैक्टीरिया को मारता है।
कैसे बनाएं और उपयोग करें: 1 चम्मच एलोवेरा जेल में चुटकी भर कपूर मिलाएं। इसे अंडरआर्म्स और बदबू वाले स्थानों पर लगाएं। 15 मिनट बाद धो लें। यह प्राकृतिक डिओडरेंट की तरह काम करता है।
पारंपरिक अनुशासन और सावधानियाँ
सूर्योदय के बाद स्नान करें ताकि शरीर का तापमान संतुलित रहे। सुबह-शाम तांबे के लोटे में रखा जल पीना शरीर की गर्मी को कम करता है। रात्रि में ठंडा भोजन, दही या खट्टी चीजें लेने से परहेज करें क्योंकि इससे शरीर में गंधकारक तत्व बढ़ते हैं।
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