Naxal Surrender: दंतेवाड़ा जिले में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। डीव्हीसीएम और एसीएम कैडर के 37 नक्सलियों ने सोमवार को दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें 27 नक्सलियों पर कुल 65 लाख रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पित नक्सलियों में एक महिला एसजेडसीएम कैडर भी शामिल है, जो बड़े कैडर के नक्सली कमांडर कमलेश की गार्ड रही है।
गिरफ्तार नक्सलियों में 8-8 लाख रुपये के इनामी 4 नक्सली, 5 लाख का इनामी एक नक्सली और अन्य पर 2 लाख, 1 लाख तथा 50 हजार तक के इनाम घोषित थे। इनमें वे नक्सली भी शामिल हैं जिन्होंने कुछ वर्ष पहले मिनपा में पुलिस पार्टी पर हमला कर 26 जवानों को शहीद किया था और 20 जवानों को घायल कर हथियार एवं गोला-बारूद लूट लिया था।
आईजी सुंदरराज पी और एसपी गौरव राय ने बताया कि आत्मसमर्पण “पूना मारगेम” पहल का परिणाम है, जो इलाके में शांति स्थापित करने की दिशा में प्रभावी अभियान बनकर उभरी है। इस मॉडल के जरिए सैकड़ों नक्सली हिंसा छोड़कर सामान्य जीवन अपना रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत तुरंत 50-50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। साथ ही उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण, कृषि भूमि और पुनर्वास से जुड़ी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि वे सम्मानजनक जीवन शुरू कर सकें।
पिछले 23 महीनों में छत्तीसगढ़ में 2,200 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिनमें कई शीर्ष नक्सली भी शामिल हैं। अकेले दंतेवाड़ा में 20 महीनों में 508 नक्सली मुख्यधारा में लौट चुके हैं, जिनमें से 165 इनामी नक्सली थे। केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का संकल्प लिया है। लगातार हो रहे आत्मसमर्पण और सुरक्षाबलों की रणनीति से सरकार अपने लक्ष्य के करीब पहुंच रही है।
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