Poetry Recitation: प्रसिद्ध कवि शिशिर सोमवंशी के काव्य संग्रह ‘शायद तुमने हो पहचाना’ का भव्य लोकार्पण समारोह रविवार को होटल ट्यूलिप इन में संपन्न हुआ। बैकस्टेज संस्था द्वारा आयोजित इस समारोह में शहर के कवि, साहित्यकार, रंगकर्मी और संस्कृतिकर्मी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
मुख्य अतिथि प्रो. बद्रीनारायण ने कहा कि कविता बहु-अर्थ वाली विधा है और शिशिर की कविताएं श्रवण और वाचन के माध्यम से नए अर्थ खोलती हैं। उन्होंने संग्रह की वाचिकता को इसकी शक्ति बताया। वहीं वरिष्ठ शायर एवं पत्रकार प्रताप सोमवंशी ने कहा कि शिशिर की कविताओं में प्रेम का पुष्प खिलता है और प्रकृति के बीच से भावनाओं का विस्फोट होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अमिताभ राव ने की। विशिष्ट अतिथि डॉ. लोकपति पटेल और कार्यक्रम संयोजक विवेक सिंह पटेल ने मंचस्थ अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया। सुपरिचित कवि सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने शिशिर की कविताओं को स्मृति से संवाद का माध्यम बताया। रजनीश त्रिवेदी ने उन्हें “प्रेम रस के सशक्त हस्ताक्षर” कहकर सराहा।
शिशिर सोमवंशी ने अपनी कविताएं तुमको रखना मन के अंदर, बेशर्म हंसी के परदे में, अनगढ़ बिखरे छंद हैं मेरे आदि सुनाईं और बताया कि संग्रह की रचनाएं 1990 के बाद की हैं।
कवि विनम्र सेन सिंह ने समारोह का संचालन किया। अतिथियों का स्वागत बैकस्टेज के निदेशक प्रवीण शेखर ने किया तथा डॉ. अनीता तोमर ने स्मृति चिह्न प्रदान किए। समारोह में शहर की कई जानी-मानी हस्तियाँ उपस्थित रहीं।
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