Protection from heat rash: घमौरियांं, जिसे अंग्रेजी में ‘हीट रैश’ या ‘प्रिकली हीट’ कहते हैं, तब होती हैं जब पसीने की ग्रंथियाँ अवरुद्ध हो जाती हैं और पसीना त्वचा से बाहर नहीं आ पाता है। त्वचा की ऊपरी सतह पर छोटे-छोटे दानों के रूप में और जिन भागों पर पसीना होता है, वहां पर निकलती हैं।
घमौरियों के कारण
- गर्म और नम मौसम: गर्म और आर्द्र मौसम में शरीर ज्यादा पसीना निकालता है, जिससे घमौरियाँ होने की संभावना बढ़ जाती है।
- संकीर्ण कपड़े: तंग और सिंथेटिक कपड़े पहनने से त्वचा सांस नहीं ले पाती, जिससे पसीना त्वचा के बाहर नहीं निकल पाता है।
- अत्याधिक शारीरिक क्रियाएं: खेल, व्यायाम या अन्य शारीरिक क्रियाओं से शरीर ज्यादा पसीना पैदा करता है।
- अपर्याप्त वेंटिलेशन: गर्म और हवादार न होने वाले स्थानों में रहने से भी घमौरियाँ हो सकती हैं।
गर्मी के दिनों में श्वेद ग्रंथियों से पसीना निकलने की वजह से घमौरियां होती हैं। इसकी खास वजह त्वचा को अधिक गर्मी लगना है। इसके अलावा बेहद मानसिक तनाव भी इसका एक कारण है। किसी भी उत्तेजक वस्तु, जिसके सेवन करने से अधिक पसीना आता हो, उसके सेवन करने से यह और तीव्रता से निकलती है, जैसे चाय, कॉफी इत्यादि।
घमौरियों से बचाव
- ढीले और हल्के कपड़े पहनें: सूती और ढीले कपड़े पहनें जो त्वचा को सांस लेने दें।
- ताजगी बनाए रखें: शरीर को ठंडा और सूखा रखें। समय-समय पर ठंडे पानी से नहाएं।
- वेंटिलेशन में सुधार करें: जहाँ तक हो सके, हवादार स्थानों में रहें। पंखे या एसी का प्रयोग करें।
- सीधे सूर्य के संपर्क से बचें: धूप में बाहर जाने से बचें और छाया में रहें।
- प्राकृतिक पाउडर का प्रयोग करें: नीम या तुलसी पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं जो त्वचा को ठंडक और ताजगी प्रदान करता है।
वे सभी उत्तेजक पदार्थ, जिनसे ज्यादा पसीना बनने की आशंका हो, उनका सेवन नहीं करना चाहिए अथवा कम करना चाहिए। पसीना पोछने के लिए तौलिया पास में रखें। साथ ही पंखे की हवा का में रहने का प्रयास करें। गरिष्ठ भोजन, तली-भुनी वस्तुएं जैसे समोसे, पकौड़े, कचौड़ी, गोलगप्पे, पूड़ी, बासी मिठाइयां आदि वस्तुएं खाना बंद कर देना चाहिए।
त्वचा को गर्मी, धूल, गंदगी से बचाएं व बदन को पर्याप्त ठंडी हवा लगने दें, जिससे त्वचा को शीतलता मिल सके। यदि गर्मी ज्यादा हो और हवा का समुचित आवागमन नहीं हो, तो कमरे में कूलर या पंखा चालू रखें। कब्ज नहीं होने दें। खस के शर्बत का सेवन करना फायदेमंद रहता है। ध्यान रखें कि घमौरियों के समय बदन में नमक की मात्रा कम होने लगती है, इसलिए नमक का सेवन जरूर करते रहना चाहिए।
खास टिप्स
- ठंडे पानी से नहाएं: ठंडे पानी से नहाना त्वचा को राहत पहुंचाता है।
- कैलामाइन लोशन: कैलामाइन लोशन लगाने से खुजली और जलन में राहत मिलती है।
- ऐलोवेरा जेल: एलोवेरा जेल लगाने से ठंडक मिलती है और घाव जल्दी ठीक होते हैं।
- चंदन का पेस्ट: चंदन पाउडर और गुलाब जल का पेस्ट बनाकर लगाएं।
- नीम की पत्तियां: नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी से नहाएं।
घमौरियाँ आमतौर पर खतरनाक नहीं होतीं, लेकिन अगर समस्या गंभीर हो जाए या लंबे समय तक बनी रहे तो चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है। सही देखभाल और उपचार से घमौरियों से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है।
By.Staff Reporter: Amit Mishra
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