Saturday, December 20, 2025

Religious violence: बांग्लादेश में लोकतांत्रिक बदलाव के बीच कट्टरपंथी हिंसा का खतरा

Religious violence: बांग्लादेश में विपक्षी नेता उस्मान हादी की मौत के बाद देशभर में हिंसा भड़क उठी है। गुरुवार रात ढाका के पास भालुका क्षेत्र में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को धर्म के अपमान के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। हत्या के बाद शव को नग्न कर पेड़ से लटकाकर आग लगा दी गई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में हमलावर ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगाते दिखे।

दीपू एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करता था। यह घटना उस समय हुई जब देश में उस्मान हादी की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन उग्र रूप ले चुके थे। हादी को 12 दिसंबर को चुनाव प्रचार के दौरान गोली मारी गई थी और 6 दिन बाद सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

हिंसा की लहर में प्रदर्शनकारियों ने डेली स्टार और प्रोथोम आलो जैसे प्रमुख अखबारों के दफ्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी की। शेख मुजीबुर्रहमान के आवास और अवामी लीग के कार्यालय को भी निशाना बनाया गया।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि देश एक ऐतिहासिक लोकतांत्रिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जिसे अराजकता और नफरत से नुकसान नहीं पहुंचने देना चाहिए। सरकार ने जनता से अपील की है कि वे भीड़ की हिंसा का विरोध करें और कट्टरपंथी तत्वों से सतर्क रहें।

पत्रकार की गोली मारकर हत्या से खुलना में सनसनी

बांग्लादेश के खुलना में गुरुवार रात पत्रकार इमदादुल हक मिलन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, घटना रात करीब 9:30 बजे शालुआ बाजार की एक चाय दुकान पर हुई, जहां मिलन बैठे थे। उसी दौरान दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार हमलावरों ने अचानक गोलियां चलाईं और मौके से फरार हो गए। मिलन शालुआ प्रेस क्लब के अध्यक्ष थे। गोली लगने के बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इस हमले में एक अन्य व्यक्ति घायल हुआ है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि हमलावरों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है।

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