Shami plant benefits: भारतीय ज्योतिष और पुराणों में शमी पौधे को अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना गया है। इसे शनि देव का प्रिय पौधा कहा गया है। मान्यता है कि शमी के वृक्ष की पूजा, विशेषकर शनिवार को, शनि देव की कृपा पाने का एक श्रेष्ठ उपाय है। यदि किसी की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में है, तो शमी की नियमित सेवा, जैसे जल अर्पण, मन से ध्यान, आदि करने से सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है।
शनि की कृपा पाने में सहायक
शमी पौधे को शनि देव का प्रतीक माना जाता है। शनिवार को इस पौधे को जल देना और उसकी पूजा करना, शनि की अशुभ दशा से राहत दिला सकता है। कुंडली में शनि ग्रह कमजोर या पीड़ित हो, तो यह उपाय विशेष रूप से प्रभावी होता है। यह उपाय शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या जैसे प्रभावों को शांत करने में सहायक होता है। मंत्र जाप के साथ जल अर्पण करना और नीले फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
नकारात्मक ऊर्जा को करता है नष्ट
शमी पौधा घर के वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा को शोषित करता है। इसे मुख्य द्वार के पास लगाने से बुरी शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर पातीं। इसकी पत्तियां वायु को शुद्ध करती हैं, जिससे मानसिक शांति बढ़ती है। वास्तु शास्त्र में भी इसे दोष निवारक पौधा माना गया है। नियमित देखभाल करने से घर में ऊर्जा का संतुलन बना रहता है।
शत्रु बाधा और कोर्ट-कचहरी से राहत
शमी की पूजा करने से शत्रुओं से मिल रही परेशानियों में राहत मिलती है। खासकर जिन लोगों पर झूठे आरोप लगे हों, उनके लिए यह पौधा अत्यंत फलदायी है। न्यायिक मामलों में सफलता पाने के लिए शमी की जड़ को अभिमंत्रित करके ताबीज में धारण करना शुभ होता है। यह व्यक्ति को साहस और संयम प्रदान करता है, जिससे वह किसी भी कानूनी या सामाजिक संघर्ष का सामना कर सके।
आर्थिक समस्याओं से राहत दिलाता है
जिन लोगों को लगातार आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, उनके लिए शमी पूजन लाभदायक है। शनिवार को सरसों के तेल से दीपक जलाकर शमी के नीचे रख देने से धन लाभ होता है। व्यापारियों के लिए यह पौधा विशेष शुभ माना जाता है-इसे दुकान में रखने से बिक्री में वृद्धि होती है। कुंडली में धन स्थान पर शनि दोष होने पर इसका असर और अधिक होता है।
घर में शांति और समृद्धि लाता है
शमी का पौधा घर में सकारात्मक कंपन (वाइब्रेशन) को बढ़ाता है। परिवार के सदस्यों में आपसी तालमेल और प्रेम बढ़ता है। गृह कलह या मनमुटाव की स्थितियों को शांत करने के लिए शमी के नीचे दीप प्रज्वलित करना लाभकारी होता है। पूजा में इसके पत्तों का उपयोग करने से घर में सुख-शांति आती है।
औषधीय गुणों से भरपूर
शमी केवल धार्मिक नहीं, औषधीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसकी पत्तियों का रस बुखार और त्वचा रोगों में लाभकारी माना गया है। आयुर्वेद में इसका उपयोग गठिया और नसों की सूजन जैसी समस्याओं में किया जाता है। यह शरीर को ठंडक और संतुलन देने वाला पौधा है। पर्यावरणीय दृष्टि से यह एक उत्कृष्ट वायु शुद्धिकर्ता पौधा है।
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