Saturday, April 19, 2025

ओपल धारण करने के फायदे और नुकसान, इन बातों का रखें ध्‍यान

ओपल हीरे का उपरत्‍न है। यह चमक रहित बिल्‍कुल श्‍वेत सिलेटी तथा चमकयुक्‍त, श्‍वेत सिलेटी हल्‍के पीले रंग में पाया जाता है। यह बहुत कोमल रत्‍न होता है। इसको कुछ लोग रत्‍नों की रानी कहते हैं।

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हलांकि कई ज्‍योतिषाचार्यों ने कुछ लोगों को शुक्र ग्रह के दुष्‍प्रभाव को नष्‍ट या कम करने के लिए तथा शुक्र के शुभ प्रभाव के वृद्ध‍ि के लिये स्‍वयं धारण किया और लोगों को धारण कराया। जिसमें बहुत लोगों को लाभ मिला, कुछ लोगों को हानि, लाभ कुछ नहीं हुआ। ऐसी अवधारणा है कि यह साधु-संतों का रत्‍न है। इसके धारण करने से लोगों में वैराग्‍य की भावना या भगवान के प्रति या किसी देवता है प्रति आस्‍था और भक्‍त‍ि पैदा होती है। धारण करने वाले व्‍यक्‍त‍ि में सज्‍जनता और अच्‍छे गुणों का विकास होता है।

इसके धारण करने से कुछ लोगों पर उल्‍टा प्रभाव पड़ा कि वह चाहते थे कि हम वैराग्‍य प्राप्‍त करें इस भावना से धारण किया किंतु इसके प्रतिकूल उन लोगों में विलासिता की भावना पैदा हो गई और वे लोग भौतिक सुख-साधन जुटाने में लग गये। इस प्रकार देखा गया कि यह रत्‍न दोनों प्रकार से प्रभाव डालता है। जिस ओपल के अन्‍दर से सूर्य के प्रकाश में देखने में अथवा वैसे भी देखने में पीली चमक उठती हो वह रत्‍न श्रेष्‍ठ होता है। इसमें इंद्रधनुषी सातों रंग अपने आप चौबीस घंटे में बदल-बदल कर आते रहते हैं। इस रत्‍न को दैवी गुण प्राप्‍त है।

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अनुभव के आधार पर ज्‍योतिषार्यों ने पाया कि प्रसन्‍नता एवं सुख के समय में इसमें चमक एवं खूबसूरती अधिक रहती है, क्रोध एवं दुख के समय में यह फीका पड़ जाता है। कुछ हरेपन से युक्‍त वाली झांई दिखाई पड़ने लगती है। लोगों को जानकारी के लिए यह भी ज्‍योतिषाचार्यों ने कहा कि जब खुद को यह रत्‍न चमकदार एवं खूबसूरत दिखाई पड़े उस समय यह समझा कर कि यह रत्‍न हमारे ऊपर प्रसन्‍न है, इसकी कृपा मिलेगी, इसलिए मनचाहे अपने कार्यों को करना चाहिए। उनमें सफलता मिलेगी किंतु जब यह फीका दिखाई पड़े उस समय कोई नया कार्य नहीं करना चाहिए, क्‍योंकि उनमें असफलता और समस्‍या पैदा होगी।

ओपल धारण करने से आंखों की ज्‍योति ठीक रहती है, दिमागी अशांति दूर होती है। सूझबूझ अच्‍छी पैदा होती है। पवित्र विचार से रहने पर इस रत्‍न का लाभ अधिक मिलता है। इस नग को धारण करने वालों को देखना चाहिए कि इसमें कितन और कैसी चमक है। धारण करने के बाद देखें कि वह चमक वैसे ही बनी है या फीकी पड़ गयी है। अगर चमक पहले जैसे ही है तो अपने लिए शुभ जानना चाहिए और अगर चमक फीकी समझ में आती है तो समझना चाहिए कि वह अशुभ है और धारण नहीं करना चाहिए। जिनके हांथ में शुक्र पर्वत ठीक हो अथावा जिनके कुंडली में शुक्र, वृष, तुला या मीन राशि में हो अथवा मित्र राशियों में हो तो इस रत्‍न के धारण करने से सफलता, सुख व लाभ अधिक मिलने की संभावना है।

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