Sunday, May 12, 2024

जानें ऊसर भूम‍ि के बारे में जो अच्‍छे खेतों को भी कर देती है खराब

सोड‍ियम कार्बोनेट की उपस्‍थ‍ित‍ि के कारण भूमि ऊसर होती है। खेत में ऊसर भूम‍ि छोटे या बड़े पैच के रूप में होती है और वहां सफेद नमक या चूना सा फैला रहता है। कहीं-कहीं एक‍ विशेष प्रकार की घास दिखायी देती है, जिसे ऊसर घास कहते हैं। यह घास अन्‍य स्‍थानों पर नहीं पायी जाती है। इस भूम‍ि में पेड़-पौधे या फसलें नहीं उगती हैं। इस भूमि पर खेती नहीं होती है। अलग-अलग स्‍थानों पर इसको अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है, जैसे ऊसर, रहे, रेहस, रेहाला तथा कल्‍लर आद‍ि।

ऊसर की समस्‍या

भारत में ऊसर भूम‍ि कृष‍ि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में ऊसर 67.3 लाख हेक्‍टेयर रकबा ऊसर है, जिसमें 13.7 लाख हेक्‍टेयर का बड़ा हिस्‍सा अकेले उत्तर प्रदेश में है। जनसंख्‍या बढ़ने से दिन प्रत‍िद‍िन खेती योग्‍य भूम‍ि घटती जा रही है। बढ़ी हुयी आबादी के लिए भोजन जुटाने के लिए ऊसर जमीन को खेती योग्‍य बनाना जरूरी है। हमारे प्रदेश की सारी ऊसर भूम‍ि यदि ठीक हो जाये तो प्रत‍िवर्ष करोड़ों टन खाद्यान्‍न पैदा होने लगेगा और हमारी आवश्‍यकता के लिए पर्याप्‍त होगा। उत्तर प्रदेश के के 39 जिलों ऊसर भूमि पायी जाती है लेकिन इनमें 17 जिले ऐसे है जहां ऊसर क्षेत्र अध‍िक हैं। ये जिले बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, एटा, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, उन्‍नाव, हरदोई, रायबरेली, सुल्‍तानपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, प्रयागराज, फतेहपुर और आजमगढ़।

ऊसर भूम‍ि के प्रभाव

जहां ऊसर भूम‍ि होती है, वहां मकानों के प्‍लास्‍टर जल्‍दी गिरने लगते हैं और यह धीरे-धीरे ईटों को गलाने लगाता है। ऊसर वाले गांवों में कच्‍ची या पक्‍की सड़कें सभी टूटी, उखड़ी हुई एवं ऊबड़-खाबड़ द‍िखायी देती हैं।

  • वर्षा होने पर यह मिट्टी साबुन की तरह फ‍िसलने लगती है, जिसपर चलना मुश्‍क‍िल होता है।
  • ऊसर भूम‍ि कड़ी होती है, जो पानी नहीं सोखती, जिससे बाढ़ आती है, जमीन पर कटाव होता है और नाले बन जाते हैं।
  • ऊसर में उगने वाली घास हान‍िकारक होती है।
  • ऊसर भूम‍ि में केचुआ आद‍ि नहीं देखा होगा। ऊसरीलेपन के कारण इसमें लाभदायक जीवाणुओं की कमी होती है जिसके कारण पोषक तत्‍व कम हो जाते हैं।
  • ऊसर भूम‍ि में सोड‍ियम, कैल्‍श‍ियम, और मैग्‍नीश‍ियम के कार्बोनेट, क्‍लोराइड, सल्‍फेट और बाइकार्बोनेट की उपस्‍थ‍ित‍ि फसलों एवं पौधों पर हान‍िकारक प्रभाव डालती है। इस कारण बीजों का जमाव एवं पौधों की वृद्ध‍ि यथोच‍ित नहीं होती।
  • ऊसर भूम‍ि पर्यावरण को प्रदूष‍ित करती है। ऊसर मिट्टी बहकर अच्‍छे खेतों को भी खराब कर देती है।

ऐसी भूम‍ि ज‍िसमें लवणों(सोड‍ियम कार्बोनेट, सोड‍ियम बाईकार्बोनेट, सोड‍ियम क्‍लोराइड आद‍ि) की अध‍िकता के कारण ऊपरी सतह सफेद द‍िखायी देने लगती है और फसलें नहीं उगायी जा सकती हैं।

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