Tuesday, April 15, 2025

धान की सीधी खेती से किसानों को कैसे हो रहा लाभ?

धान की खेती भारत में प्रमुख रूप से की जाने वाली कृषि प्रक्रियाओं में से एक है। पारंपरिक रूप से धान की खेती में रोपाई की जाती है, जो श्रम, समय और संसाधनों की मांग करती है। लेकिन अब, आधुनिक कृषि तकनीकों के साथ, धान की सीधी बुवाई की पद्धति लोकप्रिय हो रही है। यह पद्धति न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि किसानों के लिए भी कई फायदे लेकर आती है। आइए, धान की बिना रोपाई किए सीधी खेती के लाभ, पानी की बचत और पैसों की बचत के बारे में विस्तार से जानें।

धान की सीधी खेती के लाभ

  • श्रम की बचत: सीधी बुवाई में रोपाई की जरूरत नहीं होती, जिससे श्रम की बचत होती है। पारंपरिक पद्धति में खेत तैयार करने, पौध तैयार करने, और रोपाई करने में काफी श्रम लगता है। सीधी बुवाई से यह सब बच जाता है।
  • समय की बचत: रोपाई के विपरीत, सीधी बुवाई में समय की बचत होती है। पारंपरिक पद्धति में धान की पौध तैयार करने में लगभग 25-30 दिन लगते हैं, जबकि सीधी बुवाई में यह समय बच जाता है।
  • मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार: सीधी बुवाई से मिट्टी की संरचना और जैविक गुणों में सुधार होता है। इसमें जल-जमाव की समस्या नहीं होती, जिससे मिट्टी का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
  • उपज में वृद्धि: कई शोधों से यह सिद्ध हुआ है कि सीधी बुवाई से उपज में वृद्धि हो सकती है। यह पद्धति पौधों को अधिक समान रूप से बढ़ने में मदद करती है, जिससे फसल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार होता है।

पानी की बचत

  • कम श्रम लागत: रोपाई के विपरीत, सीधी बुवाई में श्रम लागत कम होती है। पारंपरिक पद्धति में मजदूरों की अधिक आवश्यकता होती है, जिससे खेती की लागत बढ़ जाती है। सीधी बुवाई से यह खर्च कम होता है।
  • कम सिंचाई खर्च: पानी की कम आवश्यकता होने के कारण सिंचाई पर खर्च भी कम होता है। इससे किसानों को आर्थिक लाभ होता है और वे अपनी बचत को अन्य आवश्यकताओं में निवेश कर सकते हैं।
  • उर्वरक और कीटनाशकों की कम जरूरत: सीधी बुवाई में पौधों को सीधे मिट्टी में बुवाई की जाती है, जिससे उर्वरक और कीटनाशकों की आवश्यकता कम होती है। इससे खेती की लागत कम होती है और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • उपज की गुणवत्ता: सीधी बुवाई से उत्पन्न फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है, जिससे बाजार में इसे अच्छा मूल्य मिलता है। बेहतर गुणवत्ता वाली उपज से किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होता है।

धान की बिना रोपाई किए सीधी खेती एक प्रभावी और लाभकारी कृषि पद्धति है, जो किसानों को श्रम, समय, पानी और पैसे की बचत में मदद करती है। यह पद्धति न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से लाभदायक है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सीधी बुवाई के साथ, किसान न केवल अपने उत्पादन में वृद्धि कर सकते हैं, बल्कि अपने संसाधनों का भी सर्वोत्तम उपयोग कर सकते हैं। इस प्रकार, धान की सीधी बुवाई न केवल वर्तमान कृषि चुनौतियों का समाधान है, बल्कि एक स्थायी और समृद्ध भविष्य की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।


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Amit Mishra
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अमित मिश्रा को मीडिया के विभ‍िन्‍न संस्‍थानों में 15 वर्ष से ज्‍यादा का अनुभव है। इन्‍हें Digital के साथ-साथ Print Media का भी बेहतरीन अनुभव है। फोटो पत्रकारिता, डेस्‍क, रिपोर्ट‍िंंग के क्षेत्र में कई वर्षों तक अमित मिश्रा ने अपना योगदान दिया है। इन्‍हें तस्‍वीरें खींचना और उनपर लेख लिखना बेहद पसंद है। इसके अलावा इन्‍हें धर्म, फैशन, राजनीति सहित अन्‍य विषयों में रूच‍ि है। अब वह TheConnect24.com में बतौर डिज‍िटल कंटेंट प्रोड्यूसर कार्यरत हैं।
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