Sunday, May 12, 2024

नैनो यूरिया: उपज की वृद्ध‍ि के लिए प्रभावी विकल्प, जानें इसके लाभ, उपयोग करने की विध‍ि

नैनो यूरिया का उपयोग कृषि में उर्वरक के अधिक उपयोग को कम करके पर्यावरण को भी बचाने में मदद करता है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से खाद्यता को बढ़ाने के लिए किया जाता है, जिससे पौधों की वृद्धि और उत्पादकता में सुधार होता है। नैनो यूरिया भारत सरकार द्वारा अनुमोदि‍त पहला नैनो उर्वरक है और फर्टिलाइजर कण्‍ट्रोल आर्डर (एफसीओ) में शामि‍ल किया गया है। नैनो यूरि‍या की एक बोतल का प्रयोग कम से कम एक बैग यूरि‍या की जगह ले सकता है।

आईसीएआर-केवीके, अनुसंधान संस्‍थानों, राज्‍य कृषि विश्ववि‍द्यालयों और भारत के प्रगति‍शील किसानों के सहयोग से 11,000 स्‍थानों पर 90 से अधि‍क फसलों पर इसका परीक्षण किया गया है। जब पत्‍त‍ियों पर इसका छि‍ड़काव किया जाता है, तो नैनो यूरि‍या आसानी से रंध्रों(स्‍टोमेटा) और अन्‍य छि‍द्रों के माध्‍यम से पौधे में प्रवेश कर जाता है और पौधों की कोशि‍काओं द्वारा अवशोषि‍त कर लि‍या जाता है। यह पौधे के फ्लोएम के माध्‍यम से आवश्‍यकता के अनुसार वि‍तरि‍त होता है। अप्रयुक्‍त नाइट्रोजन पौधे की रि‍क्‍त‍िका में स्‍टोर रहता है और पौधे के उचित विकास और वृद्ध‍ि के लिए धीरे-धीरे छोड़ा जाता है।

नैनो यूरिया के छोटे आकार से (20-50 नैनो मीटर) फसल को इसकी उपलब्‍धता 80 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ जाती है। नैनो यूरिया में कुल 4 प्रतिशत नाइट्रोजन समान रूप से पानी में मिला हुआ है। नैनो नाईट्रोजन कणों का आकार 20-50 नैनो मीटर है।

नैनो यूरिया के लाभ

  • नैनो यूरिया प्रभावी रूप से फसल में नाइट्रोजन की जरूरत को पूरा करता है, पत्‍ती प्रकाश संश्‍लेषण, जड़ के विकास, प्रभावी कल्‍ले और शाखाओं को बढ़ाता है।
  • नैनो यूरिया पौधों के अंदर नाइट्रोजन और अन्‍य पोषक तत्‍वों के अवशोषण को बढ़ाता है।
  • फसल उत्‍पादकता में वृद्ध‍ि और लागत में कर्मी करके किसानों की आय में वृद्ध‍ि करता है।
  • उच्‍च दक्षता के कारण, यह पारंपरिक यूरिया की आवश्‍यकता को 50 प्रतिशत या उससे अधिक तक कम कर सकता है।
  • नैनो यूरिया मिट्टी, हवा और पानी गुणवत्‍ता के संरक्षण में मदद करता है।

नैनो यूरिया के इस्‍तेमाल करने की विध‍ि

नैनो यूरिया को एक लीटर पानी में दो-चार मिली मिलाएं और फसल के सक्रिय विकास चरणों में पत्‍तों पर स्‍प्रे कर दीजि‍ए। अच्‍छे परिणाम के लिए दो बार स्‍प्रे कर सकते हैं। पहला शाखाएं बनते समय(अंकुरण के 30-35 दिन बाद या रोपाई के 20-25 दिन बाद) करें। दूसरा छिड़काव पहले छिड़काव के 20-25 दिन बाद या फसल में फूल आने से पहले करें।

नैनों यूरिया के उपयोग के पूर्व बोतल को अच्‍छी तरह से हिला लीजिए। पत्‍त‍ियों पर छिड़काव के लिए फ्लैट या कट वाले नोजल का प्रयोग करना बेहतर होगा। ओस से बचने के लिए सुबह या शाम के समय स्‍प्रे करें। यदि नैनो यूरिया के छिड़काव के बारह घंटे के अंदर बारिश हो जाती है तो दोबार स्‍प्रे करना चाहिए। बेहतर रिजल्‍ट के पाने के लिए नैनो यूरिया का उपयोग इसके निर्माण की तारीख से एक वर्ष के भीतर किया जाना चाहिए।

बरतें सावधानियां

जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार और ओईसीडी दिशा-निर्देशों के अनुसार जैव सुरक्षा और विषाक्तता के लिए नैनो यूरिया का परिक्षण किया गया है। इसका इस्‍तेमार उपयोगकर्ता और अन्‍य पौधों व जीवों के लिए सुरक्षित है। फसलों पर छिड़काव के दौरान मुंह पर मास्‍क और दस्‍तानों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इसे सूखी जगह में स्‍टोर करें, ज्‍यादा तापमान से बचाएं। बच्‍चों और पालतू जानवरों से इसे बचाकर रखें। इसे किसान भाई ऑनलाइन या बाजार से खरीद सकते हैं।

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