Sunday, May 12, 2024

वीर संत हनुमंत के जन्म पर बन रहा है त्रेता युग की तरह शुभ योग

चैत्र माह की पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार हनुमान जन्मोत्सव 23 अप्रैल को मनाया जायेगा। हनुमान जी श्रीराम के अनन्य भक्त थे और उन्हीं की भक्ति में लीन रहते थे। हनुमान जी की माता अंजना और पिता वानरराज केसरी थे इसलिए इन्हें अंजनी पुत्र और केसरीनंदन भी कहा जाता है।

हनुमान जी को भगवान शिव का 11 वां अंश भी कहा जाता है। इसी शुभ दिन पर हनुमान जी का जन्म माता अंजनी की कोख से हुआ था। हनुमान जी के जन्मदिन को जयंती की बजाय जन्मोत्सव कहना उचित होगा, क्योंकि बजरंगबली अमर हैं, और जयंती का प्रयोग उस व्यक्ति के लिए किया जाता है जो अब इस दुनिया में जीवित नहीं है। हनुमान जी ऐसे देवता हैं जिन्हें अगर सच्चे मन से याद किया जाए तो वे हर संकट में भक्तों की रक्षा करते हैं, इसलिए उन्हें संकट मोचन कहा जाता है। आपको बता दें कि इस बार हनुमान जन्मोत्सव पर बेहद शुभ योग बन रहे हैं।

खास यह है कि इस बार त्रेता युग की तरह अंजनी पुत्र के जन्म जैसा मंगलकारी संयोग बन रहा है। चैत्र पूर्णिमा पर संकट मोचन का प्रिय दिन मंगलवार रहेगा। ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री के अनुसार शास्त्रों में राम भक्त का जन्म चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन होना बताया गया है। पूर्णिमा तिथि मंगलवार को सुबह 3.25 से बुधवार प्रात काल 5.18 बजे तक रहेगी। मीन राशि में पंचग्रही योग बन रहा है।

मेष राशि में बुधादित्य, कुंभ राशि में शनि शश राजयोग का संयोग बनेगा। योग 23 अप्रैल की सुबह से लेकर 24 अप्रैल को प्रात: 04 बजकर 57 मिनट तक है। चित्रा नक्षत्र भी 23 अप्रैल को सुबह से लेकर रात 10 बजकर 32 मिनट तक है, उसके बाद स्वाति नक्षत्र शुरू हो जाएगा। चित्रा नक्षत्र के स्वामी मंगल हैं और हनुमानजी का प्रिय दिन भी मंगलवार है। वहीं, वज्र योग साहस, बल और पराक्रम का परिचायक है। ऐसे में मंलगवार के दिन, चित्रा नक्षत्र और वज्र योग में हनुमाजनी का जन्मोत्सव मनाना बड़ा ही शुभ होगा। भक्तों को कई गुना फल मिलेगा।

ज्योतिष गुरु पंडित अतुल शास्त्री की मानें तो हनुमान जन्मोत्सव पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण शाम 04 बजकर 25 मिनट तक हो रहा है। इस समय में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। इस दौरान भद्रा पाताल में रहेंगी। भद्रा के पाताल में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित समस्त जीव जंतु एवं मानव जाति का कल्याण होता है। ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री बता रहे हैं कि इस दिन कौन सा उपाय करके आप भी अपने कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं।

हनुमान जन्मोत्सव के दिन आपको हनुमान जी के आगे चमेली के तेल का दीपक जलाकर उनके इस दशाक्षर मंत्र ‘हंं पवन नन्‍दनाय स्‍वाहा’ का कम से कम एक माला, यानी 108 बार जप करना चाहिए। इस दिन इस मंत्र का जप करने से आपको विद्या और धन की प्राप्ति होगी। नौकरी में आपको अच्छे पद की प्राप्ति होगी। साथ ही विरोधियों से आपको छुटकारा मिलेगा। हनुमान जन्मोत्सव के दिन सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से आपको शनि दोष से छुटकारा मिल सकता है।

ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री जी बताते है कि हनुमान जी को सिंदूर बेहद प्रिय है। ऐसे में शनि दोष और जीवन में चल रही सभी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए इस दिन भगवान हनुमान को सिंदूर का चोला चढ़ाएं। इससे बजरंगबली प्रसन्न होकर आपको सुख- समृद्धि का आशीर्वाद देंगे।

हनुमान जन्मोत्सव के दिन एक नारियल लेकर हनुमान मंदिर जाएं। उसके बाद इसे अपने ऊपर से सात बार फेरते हुए हनुमान जी के सामने फोड़ दें। ऐसा करने से आपकी सारी बाधाएं दूर हो सकती हैं। हनुमान जन्मोत्सव के दिन बजरंगबली को गुलाब की माला अर्पित करें। उसके बाद 11 पीपल के पत्ते लेकर इसपर श्री राम का नाम लिख दें फिर इनकी माला बना लें और हनुमान जी को चढ़ा दें। इससे बजरंगबली की विशेष कृपा मिलती है और शनि देव भी प्रसन्न होते हैं। हनुमान जन्मोत्सव के दिन सुबह पीपल के जड़ में जल दें। इसके साथ ही इस दिन सरसों के तेल में थोड़ा सा उड़द की दाल और 1 सिक्का डालकर इसे जला दें। ऐसा करने से शनि भगवान खुश होकर अपनी कृपा बरसाते हैं।

ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री
ज्योतिष सेवा केंद्र
09594318403/9820819501

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