Saturday, April 19, 2025

Hair Problems: बालों की रक्षा, एलोपेशिया से बचाव के उपाय

Hair Problems: ग्‍लोबल वार्मिंग और बढ़ते प्रदूषण से बालों की अनेक समस्‍याएं उत्‍पन्‍न हो रही हैं, जिनसे बालों का गिरना, कमजोर होना, पतले होना आदि ये कुछ ऐसी समस्‍याएं हैं, जिनसे आपकी खूबसूरती प्रभावित होती है। इसके अ‍लावा कई बार बालों की बीमारियां भी देखने में आती हैं। ऐसी ही बालों की डिजीज है एलोपेशिया, जिससे बाल गिरने शुरू हो जाते हैं।

क्‍या है एलोपेशिया

यह एक प्रकार का हेयर लॉस है। इसके होने के कुछ कारण हैं, जैसे हेयर शाफ्ट व फोलिक्‍लस का डेमेज होना। फंगल इंफेक्‍शन से भी हेयर लॉस की समस्‍य उत्‍पन्‍न हो सकती है। यह दो प्रकार के होते हैं।

  • जब शरीर का इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर होकर हेयर फोलिक्‍लस को प्रभावित करता है। इस कारण जो हेयर फॉल होता है उसे ‘एलोपेशिया एरियाटा’ कहते हैं। पैचेस के रूप में भी सिर के बाल कई बार गिरने लगते हैं।
  • इस प्रकार का हेयर फॉल इनहेरिटड यानि वंशानुगत होता है। साठ प्रतिशत पुरूष इससे ग्रस्‍त होती हैं। इससे होने वाला हेयर फॉल पूर्ण रूप से स्‍थायी होता है। पुरूषों में होने वाले हेयर लॉस को ‘फीमेल डिफयूज हेयर लॉस’ कहा जाता है।

हेयर लॉस के यह भी कारण

  • ऐजिंग
  • जेनेटिक्‍स
  • कीमोथैरेपी
  • पोषण आहार की कमी
  • आटोइम्‍यून डिसआर्डर

डरमेटोलॉजिस्‍ट से करें संपर्क

हेयर फॉल की समस्‍या उत्‍पन्‍न होते ही बेहतर है कि किसी अच्‍छे डरमेटोलॉजिस्‍ट को दिखा लें, जिससे सही समय पर समस्‍या का निदान हो सके। चिकित्‍सक मेडिकल हिस्‍ट्री के आधार पर एंड्रोजेनेटिक एलोपेशिया डाइग्‍नोस करता है। यदि चिकित्‍सक को एलोपेशिया एरियाटा की समस्‍या का अंदेशा होता है तो इसके लिये फ्लोरिसेंट एंटीन्‍यूक्‍लियर एंटी बॉडी टेस्‍ट की सहायता से डाइग्‍नोस किया जाता है।

ट्रीटमेंट

एलोपशिया का प्रकार कौन सा है। इसपर ट्रीटमेंट निर्भर करता है। इसके कुछ प्रकार ऐसे होते हैं जो टेम्‍प्रेरी होते हैं। इसमें बिना ट्रीटमेंट के बाल आपने आप आ जाते हैं। एलापेशिया एरियाटा में मेडिसिन से ही हेयर फॉल की समस्‍या कम होने लगती है। मेल पैट्रन हेयर लॉस में पुरूषों के लिए सर्जरी, हेयर ट्रांसप्‍लांट, स्‍कैल्‍प रिडेक्‍शन जैसे ट्रीटमेंट सबसे बेहतर माने जाते हैं।

न्‍युट्रीशन व सप्‍लीमेंट

पोषणयुक्‍त डाइट लेने से इम्‍यून सिस्‍टम बेहतर होता है, जिससे हेयर फॉल की संभावना कम होती है। यदि समस्‍या हो ही गई है तब भी खानपान का ध्‍यान रखें और सप्‍लीमेंट जरूर लें। यह बालों की वृद्ध‍ि में सहायक होते हैं। बायोटिन व जिंक का सेवन बच्‍चों में एलोपेशिया एरियाटा को रोकने में सहायक होता है। बायोटिन को नियमित रूप से अपनी डाइट में शामिल करें।

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