गौरी शंकर रूद्राक्ष मुख वाले रूद्राक्षों में सर्वोवपरि है। जिस प्रकार लक्ष्मी का पूजन उनके पति नारायण के साथ करने से लक्ष्मी-नारायण की अभीष्ट कृपा प्राप्त होती है, ठीक उसी प्रकार गौरी के साथ देवाधिदेव भगवान शिव का पूजन करने से गौरी-शंकर की अभीष्ट कृपा प्राप्त होती है और गौरी शंकर रूद्राक्ष धारण पूजन से तो गौरी शंकर की कृपा निश्चित रूप से प्राप्त होती ही है, इसमें किंचित मात्र भी संदेह नहीं है।
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बड़े से बड़ा विघ्न इस रूद्राक्ष के धारण करने से संपूर्ण नष्ट हो जाता है। जन्म के पाप इस रूद्राक्ष के धारण मात्र से खत्म हो जाते हैं। गौरी शंकर रूद्राक्ष में गौरी स्वरूप भगवती पार्वती का निवास होने के कारण इस रूद्राक्ष पर भगवान शिव की विशेष कृपा है। मानसिक शारीरिक रोगों से पीड़ित लोगों के लिये ये रूद्राक्ष दिव्य औषधि की भांति काम करता है।
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गणेश रूद्राक्ष
संतान प्राप्ति में बाधा एवं वैवाहिक अड़चनें और विलंब होने वाले गणेश रूद्राक्ष धारण कर सकते हैं। यह उनके लिए बेहद उपयोगी है। विघ्न विनाशक गणेश मां पार्वती एवं देवाधि देव भगवान शंकर की पूर्ण कृपा प्रदायक यह रूद्राक्ष दिव्य एवं दुर्लभ है। विशेष रूप से संतान बाधा एवं पुत्र-पुत्री के विवाह में आ रही बाधा को दूर करके अविलंब कार्य सिद्धि प्रदान करता है।
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